बेकार गई महसा अमीनी और 600 लोगों की कुर्बानी, ईरान की सड़क पर उतरेगी मोरैलिटी पुलिस
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बेकार गई महसा अमीनी और 600 लोगों की कुर्बानी, ईरान की सड़क पर उतरेगी मोरैलिटी पुलिस

Hijab Controversy: ईरान में हिजाब के चलते महसा अमीनी की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि अब ईरान के हालात बदलेंगे.

बेकार गई महसा अमीनी और 600 लोगों की कुर्बानी, ईरान की सड़क पर उतरेगी मोरैलिटी पुलिस

Hijab Controversy: पिछले साल ईरान में हिजाब की वजह से महसा अमीनी की जान चली गई थी. इसके बाद यहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. विरोध प्रदर्शनों को देखकर लग रहा था कि यहां सूरतेहाल बदल जाएगी. यहां महिलाओं को जबरदस्ती हिजाब नहीं पहनाया जाएगा बल्कि जिस महिला की मर्जी होगी वही पहनेगी. लेकिन हुआ इसके उलट. यहां पर एक बार फिर मोरालिटी पुलिसिंग शुरू हो गई है. सीधे तौर पर कह सकते हैं कि यहां पर ड्रेस कोड को सख्ती से लागू किया जाएगा. 

उम्मीद थी बदलेंगे हालात

ईरान सरकार की तरफ से बताया गया है कि "हिजाब कानून को लागू करने के लिए मोरैलिटी पुलिस फिर सड़कों पर उतरेगी." हालांकि इससे पहले साल 2022 में जब ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, तब यह कहा जा रहा था कि अब यहां से मोरैल पुलिस हटाई जाएगी लेकिन ईरान सरकार ने इस बात से इंकार किया था. लेकिन प्रदर्शन के दौरान ईरान की सड़कों से मोरैल पुलिस गायब हो गई थी. लेकिन अब फिर यहां पर मोरैलिटी पुलिस सड़कों पर नजर आएगी.

मोरैलिटी पुलिस का क्या काम है? 

दरअसल ईरान में शरिया कानून के मुताबिक कानून है. इसके मुताबिक महिलाएं पब्लिक प्लेस पर अपना सर ढकेंगी और ठीले लिबास पहनेंगी. मोरैलिटी पुलिस यह देखती है कि महिलाएं इस नियम का पालन करें. वह यह सुनिश्चित करती है कि औरतें जब भी अपने घर से बाहर निकलें तो वह हिजाब पहन कर निकलें. 

सड़कों पर गश्त करेगी मोरैलिटी पुलिस

ईरान की मोरैलिटी पुलिस सड़कों पर महिलाओं से इस्लामिक ड्रेस कोड का पालन कराएगी. अगर कोई भी औरत शरिया ड्रेस का कोड का पालन नहीं करती है तो उस पर शरिया कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. पिछले साल सितंबर में महसा अमीनी को मोरैलिटी पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया था कि उन्होंने ठीक से हिजाब नहीं पहना था. इसके बाद उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा गया, जहां उनकी मौत हो गई.

काम पर लगेगी रोक

ईरान में अगर पब्लिक प्लेस में महिलाएं हिजाब नहीं पहनती हैं या फिर ड्रेस कोड का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें स्कूल, कॉलेज और काम पर जाने से रोका जा सकता है. ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने के बावजूद यहां बड़ी उन लोगों की है जो हिजाब को सपोर्ट करते हैं. 

क्या है पूरा मामला? 

पिछले साल सितंबर में ईरान के तेहरान में ठीक से हिजाब नहीं पहनने पर महसा अमीनी को हिरासत में लिया गया था. इसके बाद पुलिस कस्टडी में महसा की मौत हो गई थी. इसके बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. यहां की मशहूर हस्तियों ने अपने बाल भी काटे. इसके बाद यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं. इस संघर्ष में 600 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है.

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