Waqf Board JPC Meeting: 22 अक्टूबर के सत्र में जेपीसी की बैठक के दौरान एक नाटकीय घटना घटी, जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने तीखी बहस के बीच कांच की बोतल तोड़ दी. वहीं आज भी जेपीसी की बैठक में भारी हंगामा हुआ है.
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Waqf Board JPC Meeting: वक्फ बोर्ड से जुड़े दो संशोधन बिलों को लेकर जेपीसी की बैठकें जारी हैं. इस बीच आज यानी 28 अक्तूबर को भी जेपीसी की बैठक हुई है. जिसमें भारी हंगामा हुआ और विपक्षी सांसदों ने जमकर बवाल काटा है. विपक्षी सांसदों ने जेपीसी चीफ जगदंबिका पाल और बीजेपी सांसदों पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. वहीं, जगदंबिका पाल ने भी सफाई दी है. विपक्षी सांसदों का कहना है कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की रिपोर्ट की वैधता पर सवाल उठाए.
सीएम आतिशी की चिट्ठी का दिया गया हवाला
विपक्षी सांसदों ने दिल्ली की सीएम आतिशी द्वारा जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लिखे गए चिट्ठी का हवाला दिया, जिसमें गुजारिश की गई थी कि वक्फ संपत्तियों से संबंधित कथित अनियमितताओं के कारण रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया जाए. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. बाद में वे वापस लौट आए, लेकिन विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष के सांसदों के साथ उनकी झड़प जारी रही.
इससे पहले मीटिंग में हंगामा
गौरतलब है कि आज यानी 28 अक्तूबर को जेपीसी ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के वक्फ बोर्डों के साथ-साथ कॉल फॉर जस्टिस (पूर्व न्यायाधीशों का एक समूह) और वक्फ टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन से भी बात की. हाल की जेपीसी बैठकों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच तनाव देखने को मिला है.
टूट गई थी बोतल
इससे पहले 22 अक्टूबर के सत्र में जेपीसी की बैठक के दौरान एक नाटकीय घटना घटी, जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने तीखी बहस के बीच कांच की बोतल तोड़ दी. बनर्जी ने गुस्से में आकर बोतल तोड़ दी और उसके टूटे हुए टुकड़े पाल की ओर फेंक दिए, जिसके बाद बैठक को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा. जेपीसी के चीफ ने फौरन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को घटना की जानकारी दी और राहत व्यक्त की कि कोई घायल नहीं हुआ.
बनर्जी को दो सेशन के लिए किया गया था सस्पेंड
उन्होंने बनर्जी के व्यवहार की निंदा की और इसे अनुचित और विघटनकारी बताया. बनर्जी को एक दिन (दो सत्र) के लिए निलंबित कर दिया गया. वक्फ (संशोधन) विधेयक, जिसे 8 अगस्त को लोकसभा में तीखी बहस के बाद पेश किया गया था, बाद में जेपीसी को भेज दिया गया. जेपीसी मुख्तलिफ हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है, जिसे जारी रखना चाहिए. वक्फ विधेयक का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करना है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों की आलोचना हुई है.
जेपीसी चीफ ने दी सफाई
वहीं, बीजेपी सांसद और जेपीसी चीफ जगदंबिका पाल ने कहा, “हमने बैठक में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब वक्फ बोर्ड को बुलाया है. हमारी कोशिश है कि सभी स्टेकहोल्डर्स से चर्चा करें, ताकि एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जा सके. हमने इस संबंध में बीते दिनों दक्षिण भारत का भी दौरा किया था. अब हम उत्तर भारत का रुख करेंगे. विभिन्न प्रदेशों का दौरा करेंगे. इस तरह से पहली बार जेपीसी इतने सारे लोगों से मिलने का काम कर रही है. आज की बैठक में हमने सेवानिवृत्त न्यायाधीश और इस्लामिक विद्वानों को भी बुलाया है. हमारी कोशिश है कि एक अच्छी रिपोर्ट तैयार करके उसे जमीन पर उतारा जा सके, ताकि वक्फ बोर्ड का उद्देश्य पूरा हो सके.”
संसद को कानून बनाने का है हक
वहीं, कुछ लोगों द्वारा इस बिल का विरोध किए जाने पर जगदंबिका पाल ने कहा, “कौन क्या कहता है. यह अलग विषय है. जेपीसी में हर किसी को अपनी बात रखने का पूरा हक है. मुझे या किसी और को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यहां गौर करने वाली बात है कि जब सरकार ने इस बिल को चर्चा के लिए जेपीसी को सौंप दिया है, तो यहां सभी को अपनी बात रखने का पूरा हक है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वो कौन हैं. जेपीसी में सभी पार्टियों का प्रतिनिधित्व होता है. संसद को कानून बनाने का हक है.”