Ajmer Urs News: अजमेर उर्स के मौके पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अजमेर चादर भेजी है. इस चादर का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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Ajmer Urs News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गुरुवार 2 जनवरी को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भेजी है. पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुजीब बैंगल्स के नेतृत्व में चारमीनार स्थित लाड बाजार के चूड़ी व्यापारियों द्वारा तैयार की गई पीले और हरे रंग की चादर भेंट की है.
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, जिन्हें ख्वाजा गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है, चिश्ती संप्रदाय के एक सूफी संत थे. सिस्तान (वर्तमान पूर्वी ईरान और दक्षिणी अफ़गानिस्तान) में उनकी पैदाइश हुई थी. उन्होंने लाहौर से दिल्ली तक का सफ़र तय किया और आखिर में अजमेर में बस गए. अजमेर में उनकी कब्र, अजमेर शरीफ़ दरगाह, दुनिया के सबसे पाक इस्लामी जगहों में से एक है.
On the occasion of the Annual Urs of Khwaja Gareeb Nawaz (R.A.) in Ajmer Sharif, a Chadar was dispatched by #AIMIM Supremo @asadowaisi . This Chadar was crafted by the bangle merchants of Laad Bazaar in #Charminar, Hyderabad, under the leadership of Mujeeb Bangles. pic.twitter.com/Nx14a0F78M
— Nawab Abrar (@nawababrar131) January 2, 2025
दुनिया भर से मुसलमान हर साल इस दरगाह पर उर्स के मौके पर आते हैं, न केवल मुसलमान, बल्कि अलग-अलग धर्मों के लोग भी साल भर इस दरगाह पर आते हैं. सूफी संत की डेथ एनिवर्सरी के मौके पर, हर साल इस्लामी कैलेंडर के सातवें महीने ‘रजब’ के पहले छह दिनों के दौरान अजमेर में उर्स मनाया जाता है.
बता दें, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को 13वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत में सूफिज्म की शुरुआत करने वाले के तौर पर जाना जाता है. वे प्रार्थनाओं में संगीत और नातों का इस्तेमाल करने वाले पहले संत थे.