Womens day 2023: सरकारी नौकरी छोड़ मूर्तिकला को बनाया करियर, महिला दिवस पर जानें इस बेटी की कहानी
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Womens day 2023: सरकारी नौकरी छोड़ मूर्तिकला को बनाया करियर, महिला दिवस पर जानें इस बेटी की कहानी

Womens day 2023: महिला दिवस नाम से ही साफ है ये दिन महिलाओं के लिए है. इस दिन महिलाओं के सम्मान में कई एक्टिविटी की जाती हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी बेटी के बारे में जिसने सरकारी नौकरी छोड़ मूर्तिकला को अपना करियर चुना.   

Womens day 2023: सरकारी नौकरी छोड़ मूर्तिकला को बनाया करियर, महिला दिवस पर जानें इस बेटी की कहानी

अजय महाजन/पठानकोट: आज देशभर में महिला दिवस (Womens day 2023) मनाया जा रहा है. वैसे तो हर दिन महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन इस दिन उनके सम्मान में खास प्रोग्राम (Womens day speciall programs) आयोजित किए जाते हैं. ऐसे में आज इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं पठानकोट की एक ऐसी बेटी के बारे में, जिसने मूर्तिकला (Sculpture art) को चुनकर दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया. 

पत्थर की बड़ी-बड़ी शिलाओं को तराश कर बनाती हैं कलाकृतियां 
दरअसल पंजाब के पठानकोट की रहने वाली रेणु बाला ने स्कल्प्चर आर्ट (Sculpture art) को अपना करियर चुना और पंजाब सहित देश के अलग-अलग राज्यों में अपने माता-पिता का नाम रोशन किया. रेनू बाला देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने हुनर का लोहा मनवा चुकी हैं. रेणु पत्थर की बड़ी-बड़ी शिलाओं को तराश कर उन पर कई तरह की कलाकृतियां बनाती हैं. इस हुनर के लिए उन्हें कई राज्यों की सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. हाल ही में मध्यप्रदेश की टूरिज्म एंड कल्चर मिनिस्टर भी रेनू बाला को सम्मानित कर चुकी हैं. 

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जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक किया काम 
मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाली रेनू बाला पत्थर की शिलाओं पर मूर्ति कला को अपना करियर चुनकर कई उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं. रेणु बाला जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कई राज्यों के लिए काम कर चुकी हैं. रेणु उन लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं जो पठानकोट जैसे छोटे शहरों से निकलकर अपने माता-पिता और देश के लिए कुछ करना चाहती हैं.

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हुनर को तराशने के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी
बता दें, रेणु ने जम्मू से ग्रेजुएशन की है और राजस्थान की सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की है. रेणु सरकारी नौकरी तक हासिल कर चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अपने हुनर को तराशने के लिए सरकारी नौकरी छोड़ स्कल्पचर आर्ट को अपना करियर चुना. बस तभी से रेनू बाला अपने करियर को लेकर अग्रसर हैं और लगातार अपने काम में जुटी हुई हैं.

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