OROP: हमीरपुर में 'वन रैंक वन पेंशन' के मुद्दे पूर्व सैनिकों ने गांधी चौक पर प्रदर्शन करते हुए सरकार के समक्ष अपनी मांगे रखीं. परिषद के अधिकारियों ने पूर्व सैनिकों को संबोधित किया और उन्हें वन रैंक वन पेंशन' बहाली के लिए एकजुटता से संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: 'वन रैंक वन पेंशन' के मुद्दे को लेकर हमीरपुर जिला के पूर्व सैनिक गांधी चौक पर इकट्ठे हुए. विभिन्न रेजिमेंट्स के पूर्व सैनिकों ने एकजुट होकर सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखा. अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद रेजिमेंट्स हमीरपुर इकाई के बैनर तले गांधी चौक पर मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया.
'वन रैंक वन पेंशन' की बहाली के लिए किया गया प्रेरित
परिषद के अधिकारियों ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए 'वन रैंक वन पेंशन' बहाली के लिए एकजुटता से संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया. पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए परिषद के अधिकारियों ने कहा कि ओआरओपी-टू में कई तरह की विसंगतियां हैं. उन विसंगतियों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है. इस दौरान मांग की गई कि पूर्व सैनिकों की एमएसपी बराबर होनी चाहिए.
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अपंगता पेंशन पर कही ये बात
उन्होंने कहा कि इसमें तीन फेस बनाए गए हैं. अधिकारियों के लिए एमएसपी को 15,500 रुपये किया गया है, जिसमें एमएनएस को 10 हजार 500 रुपये किया गया है. सिपाही से लेकर सूबेदार मेजर तक सभी को 5,200 रुपये एमएसपी की गई है. इस दौरान मांग की गई कि जो अलाउंस दिया गया है वे सभी के लिए बराबर होना चाहिए, चाहे वह किसी भी रैंक का हो. अधिकारियों ने कहा कि अपंगता पेंशन में भी बहुत सारी विसंगतियां हैं. सभी को अलग-अलग प्रतिशतता के आधार पर अपंगता पेंशन मिल रही है. यह पेंशन भी सभी के लिए एक समान होनी चाहिए.
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अधिकारियों ने की मांग
इसके साथ ही प्री मिच्यार रिटायरमेंट को लेकर भी पूर्व सैनिकों ने अपने तर्क दिए. उन्होंने कहा कि सैनिक का कार्यकाल 17 साल को होता है. इसमें 15 साल कलर सर्विस और दो साल रिजर्व लाइबिलिटी होती है. सैनिक को 15 साल तक नौकरी करनी पड़ती है और इसके बाद वह डिस्चार्ज ले सकता है, लेकिन बीआरएस नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि जो पूर्व सैनिक प्री मिच्योर रिटायरमेंट लेकर आए हैं उन्हें ओआरओपी में शामिल नहीं किया गया है. इस दौरान रिजर्विस्ट की पेंशन को भी रिवाइज करने की मांग की गई. रिजर्विस्ट की पेंशन को सिपाही रैंक तक किए जाने की मांग की गई है.
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