National Girl Child Day 2024: राष्ट्रीय बालिका दिवस न केवल लड़की की शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण संबंधित मुद्दों के बारे में बताता है, बल्कि लड़कियों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और बाल विवाह, भेदभाव और उनके खिलाफ होने वाली विभिन्न हिंसा जैसे मुद्दों को संबोधित करता है.
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National Girl Child Day 2024: भारत में लड़कियों के सामने आने वाली मुश्किलों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. यह दिन शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण के अवसरों को सामने लता है, साथ ही बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को भी बढ़ाता है. इस दिवस के माध्यम से सरकार प्रत्येक बालिका के लिए समानता और सम्मान के सिद्धांतों को उजागर करने का लक्ष्य रखती है. हर साल पूरे देश में इस दिन लड़कियों के सशक्तिकरण का संदेश फैलाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं. यह दिन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' और भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों जैसा ही है.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का इतिहास
यह दिवस 16 वर्षों से भारत में मनाया जा रहा है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस पहल की शुरुआत 2008 में की गई थी. तब से ही हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस पूरे भारत में मनाया जाता है. यह दिवस बालिकाओं के साथ होने वाले भेद-भाव और समाज में उनके समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों से बचाने के उद्देश्य लैंगिक मनाया जाता है.
24 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
22 जनवरी 2015 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा मिलकर संचालित इस पहल का उद्देश्य गिरते बाल लिंगानुपात के मुद्दे को भी संबोधित करना है.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य
लैंगिक समानता को बढ़ावा देना इस पहल का उद्देश्य है. यह लैंगिक समानता(gender equality) को बढ़ावा देना और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव करने वाली लैंगिक रूढ़िवादिता को समाप्त करना है. साथ ही लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करना भी इसका महत्वपूर्ण उद्देश्य है. यह पहल लड़कियों को बाल विवाह, कुपोषण और लिंग आधारित हिंसा से बचाती है.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व
यह दिवस भारत में अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि यह लैंगिक समानता(gender equality) को बढ़ावा देने में मदद करता है. साथ ही लड़कियों के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान भी करता है. यह दिवस लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन के माध्यम से उनकी क्षमता को बढ़ाने और समाज को उनसे जुड़े विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूक करता है. इस पहल के माध्यम से समाज में बालिकाओं को समान अवसर प्रदान हो इसका खास ध्यान रखा जाता है.