Himachal Cement Factory Controversy: हिमाचल प्रदेश में सीमेंट प्लांट प्रबंधन व ट्रक ऑपरेटर्स के बीच माल ढुलाई भाड़े को लेकर चल रहे विवाद में बीजेपी प्रदेश सरकार को घेरती नजर आ रही है. नैनादेवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक व हिमाचल बीजेपी प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से कंपनी प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मामले में उन्हें नाकाम बताया है.
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विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिसालपुर जिला में 15 दिसंबर से अडानी ग्रुप के दो सीमेंट प्लांट बंद पड़े हैं, जिसका मुख्य कारण सीमेंट कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच माल ढुलाई भाड़े को लेकर चल रहा विवाद है. एक ओर जहां ट्रक ऑपरेटर्स माल ढुलाई भाड़े को 11.50 रुपये करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं सीमेंट कंपनी प्रबंधन साल 2005 के रेट को ही जारी करने की बात कह रहा है, जिसे लेकर यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है
भाजपा नेता ने सुक्खू सरकार पर साधा निशाना
बीते 1 माह से चले इस विवाद को खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार की मध्यस्ता में 12 जनवरी को कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स को लेकर बैठक आयोजित की गई जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया. वहीं, इस मामले की गंभीरता, ट्रक ऑपरेटर्स सहित कंपनी कर्मचारियों, इससे जुड़े ढाबा संचालकों और स्पेयर पार्ट्स के दुकानदारों की माली हालत देखते हुए भाजपा नेता प्रदेश सरकार पर जमकर निशा साधते दिख रहे हैं.
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इस मामले में नैनादेवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक व हिमाचल बीजेपी प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि बिलासपुर में बंद पड़े सीमेंट प्लांट विवाद को 1 महीना होने वाला है, लेकिन सरकार इस ओर अभी भी गंभीर नजर नहीं आ रही है. इस विवाद को खत्म करने के लिए कई चरणों में आयोजित बैठकें भी बेनतीजा साबित हुई हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से कंपनी प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, लेकिन प्रदेश सरकार इसमें नाकाम साबित हो रही है.
सीएम सुक्खू से अपील
वहीं बिलासपुर विधायक व हिमाचल भाजपा महामंत्री त्रिलोक जमवाल ने कहा कि बरमाणा में सीमेंट कंपनी पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के समय में खुली थी, जिस पर बिलासपुर सहित पूरे हिमाचल प्रदेश की इकोनॉमी निर्भर है, लेकिन एक महीने से सीमेंट प्लांट बंद होने से इससे जुड़े लोगों के रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ऐसे में सीएम सुक्खू को कंपनी पर जिले का सीमेंट प्लांट खोलने का दबाव बनाना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कंपनी की लीज रद्द करने और बिजली कनेक्शन बंद करने जैसे जरूरी कदम उठाने चाहिए ताकि कंपनी प्रबंधन जल्द से जल्द प्लांट खोल सके और ऑपरेटर्स की मांगे भी पूरी हो सकें. साथ ही त्रिलोक जमवाल ने प्रदेश सरकार से ट्रक ऑपरेटर्स की माली हालत को देखते हुए उनकी गाड़ियों की किस्तें देने में मदद करने की भी अपील की है.
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने कही ये बात
वहीं, इस विवाद को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि इसमें पूरे मामले में सरकार का कोई रोल नहीं है. यह विवाद ट्रांसपोर्टर्स और कंपनी के बीच का है. हमने कमेटी गठित की है जो इस मामले को देख रही है. हम कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द विवाद सुलझ जाए क्योंकि इससे स्थानीय लोगों को करोडों का नुकसान हो रहा है. कई लोग सीमेंट प्लांट बंद होने से बेरोजगार भी हुए हैं. सरकार इसमें मध्यस्था कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम यह कोशिश कर रहे हैं कि ट्रांसपोर्टर्स की समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो सके और सीमेंट कंपनी भी सुचारु रुप से चलती रहे.
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