Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन पर लगाम कसना शुरू हो गया है. प्रशासन द्वारा अवैध कब्जों को हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है. बिलासपुर, ऊना और हमीरपुर में भी प्रशासन सख्त दिखाई दिया.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर शहर में अतिक्रमण पर नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्रवाई लगातार जारी है. पिछले कुछ दिनों से हमीरपुर शहर में अतिक्रमण पर शिकंजा कसा गया है. इसी कड़ी में कई रेहडियों को जब्त किया गया है जबकि कईयों को चेतावनी भी जारी की गई है. इससे पहले भी पिछले 2 दिन लगातार नगर परिषद ने 20 के लगभग अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही की थी. ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों ने अब अतिक्रमण के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है. लगातार हो रही कार्रवाई से हमीरपुर शहर के अवैध रेहड़ी-फहड़ी वालों और अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी अक्षित गुप्ता ने कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ यह कार्रवाई नगर परिषद की तरफ से की गई है. पिछले कुछ दिनों से लगातार शहर में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिससे जनता को यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि अब अतिक्रमण को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कार्रवाई का यह लगातार चौथा दिन है. इससे पहले दिन चेतावनी जारी कर दी गई थी. इसके साथ ही यह भी कहा कि हमीरपुर शहर के लोग पढ़े लिखे हैं. ऐसे में यह दुकानदारों का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि वे इस तरह का अतिक्रमण ना करें.
बता दें, इन दिनों हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में इस तरह के अवैध खनन पर प्रशासन का शिकंजा कसा रहा है. हमीरपुर के साथ-साथ जिला ऊना और बिलासपुर में भी अवैध कब्जों पर बुल्डोजर चलाया गया.
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दुकानदारों का आरोप, नहीं जारी हुआ कोई नोटिस
कोर्ट के आदेशों को अमल में लाते हुए ऊना में लाल सिंघी से लेकर घलुया चौक तक इस तरह के अवैध कब्जे हटाए गए हैं और जिन दुकानदारों द्वारा दुकानों के आगे शेड, होर्डिंग जैसी कोई भी वस्तु लगाई गई है उसे भी तोड़ा जा रहा है. वहीं स्टेट हाईवे से अतिक्रमण को हटाए जाने को लेकर कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है. रेहड़ी फेरी वालों का कहना है कि उनकी दुकानें हटाने से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया.
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बिलासपुर में लोगों से सरकार से की मांग
इसके अलावा बिलासपुर में भी अतिक्रमणों पर शिकंजा कसा गया था जहां लोगों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में कोई भी सरकार बनती है तो उनके लिए दुकानों की उचित व्यवस्था की बात करती है, लेकिन आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ जब कोई भी सरकार इनके लिए काम कर पाई है.
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