Shani Jayanti: 30 साल बाद शनि जयंती पर बना अद्भुत संयोग, क्या करें क्या न करें?
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Shani Jayanti: 30 साल बाद शनि जयंती पर बना अद्भुत संयोग, क्या करें क्या न करें?

Shani Jayanti: शनि देव एक ऐसे हिन्दू देव है जिनका नाम सुनते ही लोगों के मन में कई तरह के सवाल आते हैं. लेकिन उनके न्याय रूप के बारे मे बहुत कम लोगों को पता होगा. 

 

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Shani Jayanti: चंडीगढ़- शनि देव, जिन्हे शनि महाराज और छायापुत्र के नाम से भी जाना जाता है. रथ पर सवार एक काली आकृति के रूप में चित्रित किए शनि देव को न्याय के देवता भी कहा जाता है.
 
हिंदू देवताओं में सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक माने जाने वाले शनि देव नौ ग्रह देवताओं में से एक है. आइए आज शनि जयंती के अवसर पर आपको शनि देव के जन्म की कथा के बारे में बताते है और शनि जयंती के दिन क्या काम करने से शनि देव होते हैं प्रसन्न.

शनि देव का जन्म
ज्येष्ठ अमावस्या को जन्मे शनि देव पिता सूर्य और माता छाया के पुत्र हैं. कहा जाता है  कि जब शनि, माता छाया के गर्भ में थे, उन्होंने उपवास किया और शिव को प्रभवित करने के लिए तेज धूप में बैठ गए, जिन्होंने हस्तक्षेप किया और शनि का पोषण किया. 
इस कारण शनि गर्भ में काले हो गए, जिसके बारे में कहा जाता है कि उन्होने अपने पिता सूर्य को क्रोधित कर दिया था. 

भगवान यम के बड़े भाई
अक्सर गहरे नीले या काले रंग के कपड़े पहने नीले रंग का फूल और नीलम धारण किए शनि देव को भगवान यम के बड़े भाई के रूप में जाना जाता है. शनि देव एक व्यक्ति के जीवित रहते हुए न्याय देते हैं और उनके भाई यम एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद न्याय करते हैं. साथ ही यमुना देवी और पुत्री भद्र (ताप्ती) उनकी बहनें हैं और भगवान शिव उनके गुरु हैं.
 
शनि जयंती पर बना अद्भुत संयोग
इस बार शनि जयंती पर एक अद्भुत संयोग बन रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसा संयोग करीब 30 साल बाद बन रहा है. इस दिन शनि देव की पूजा करने से,  वे प्रसन्न होकर अपने भक्तों के दुखों को दूर करते हैं और जीवन में खुशहाली होगी. 

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कुछ आसान उपाय-

 

- शनिदेव को तेल अर्पित करें. कहा जाता है कि रविवार को छोड़कर लगातार 43 दिन तक शनिदेव की मूर्ति पर तेल अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.

-  पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करने के बाद उसकी परिक्रमा करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

- शनिवार के दिन ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ और ‘ॐ शं शनिश्चरायै नमः’ इन दो मंत्रों का यथा शक्ति जाप करें. 

-शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि चालीसा और शनिदेव की आरती भी करनी चाहिए.

- शनिदेव की प्रसन्नता के लिए शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए और गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए.

- सूर्योदय के पहले पीपल की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

- सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है.

- शनिदेव, हनुमानजी की पूजा करने वालों से सदैव प्रसन्न रहते हैं. हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें.

-शनिवार के दिन एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल लें, और इसमें अपना चेहरा देखना चाहिए. इसके बाद इस तेल को शनि मंदिर में दान कर देंना चाहिए. 

-  शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ पर तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाना चाहिए.

 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

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