इस दिन को लोग शरीर की सफाई और सजावट करके मनाते हैं ताकि स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों की प्राप्ति हो सके. ऐसा माना जाता है कि इस दिन उबटन लगाना, स्नान करना और स्वयं को सजाना बहुत महत्वपूर्ण होता है जिससे व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से ताजगी महसूस करता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और 16,000 कन्याओं को नरकासुर के बंधन से मुक्त कराया था. इसे नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
रूप चतुर्दशी के दिन उबटन लगाने की परंपरा होती है, जिसमें बेसन, हल्दी, चंदन, और अन्य प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करके शरीर की सफाई की जाती है. इस दिन लोग सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं, जिसे "अभ्यंग स्नान" कहा जाता है.
रूप चतुर्दशी 2024 का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा. यह दोपहर 1:15 बजे से शुरू होकर 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे समाप्त होगी. यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है और इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है.
इस दिन अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 05:33 बजे से 06:47 बजे तक रहेगा. इस विशेष स्नान को सौंदर्य और ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. रूप चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर तेल और औषधियों से स्नान करना शुभ माना जाता है. यह दिन विशेष रूप से सुंदरता और आरोग्यता की पूजा का होता है. (Disclaimer: यह आर्टिकल धार्मिक मानयताओं के आधार पर बनाया गया है. जी मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
ट्रेन्डिंग फोटोज़