Hanuman Jayanti 2023: शिमला के इस मंदिर में आज भी दिख जाते हैं हनुमान जी के पद चिन्ह, बेहद दिलचस्प इतिहास
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Hanuman Jayanti 2023: शिमला के इस मंदिर में आज भी दिख जाते हैं हनुमान जी के पद चिन्ह, बेहद दिलचस्प इतिहास

Jhakhoo Mandir Shimla: शिमला में स्थित जाखू मंदिर विश्वविख्यात है. इसका इतिहास भी काफी पुराना है. कहा जाता है कि लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी ले जाते वक्त हनुमान जी यहां रुक गए थे तभी उनके पैरों के निशान यहां छप गए.  

Hanuman Jayanti 2023: शिमला के इस मंदिर में आज भी दिख जाते हैं हनुमान जी के पद चिन्ह, बेहद दिलचस्प इतिहास

Hanuman Jayanti 2023: चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार, 6 अप्रैल को चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि है. इस दिन बजरंगबली के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती पर बजरंग बली के 108 नामों का जाप करने से डर, दरिद्रता और कष्ट दूर होते हैं. 

विश्वविख्यात है शिमला का जाखू मंदिर
कहा जाता है कि हनुमान जी की पूजा और उनका नाम लेने भर से भूत-प्रेत दूर भाग जाते हैं. देशभर में बजरंग बली के कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जो विश्वविख्यात हैं. इन्हीं में से एक है शिमला का 'जाखू मंदिर' जो शिमला के जाखू में स्थित है, जहां न सिर्फ हिमाचल बल्कि देश-विदेश से भी लोग हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं.

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क्या है शिमला के जाखू मंदिर की कहानी?
कहा जाता है कि लक्ष्मण जी के मूर्छित होने पर हनुमान जी जब उनके लिए संजीवनी बूटी लेने हिमालय की ओर जा रहे थे तब उनकी नजर यहां तपस्या कर रहे यक्ष नामक ऋषि पर पड़ी, जिनसे संजीवनी बूटी के बारे में जानने के लिए हनुमान जी यहीं रुक गए. इसके बाद हनुमान जी ने संजीवनी बूटी के बारे में जानकर यक्ष ऋषि को वचन दिया कि वह संजीवनी बूटी लेकर वापस लौटते वक्त उनसे मिलते हुए जाएंगे और यह बोलकर बजरंग बली आगे की ओर बढ़ गए. इसी दौरान हनुमान जी के पैरों के निशान भी यहीं छप गए. 

स्वंय हनुमान जी ने ऋषि को दिए थे दर्शन
वहीं, संजीवनी देर से मिलने की वजह से हनुमान जी नजदीक रास्ते से होते हुए लक्ष्मण के पास निकल गए, जिसकी वजह से वह ऋषि से नहीं मिल पाए और यक्ष ऋषि उनका इंतजार करते-करते व्याकुल हो गए, लेकिन कुछ समय बाद हनुमान जी स्वंय ऋषि के समक्ष प्रकट हुए और उनके साथ उनकी मूर्ति भी प्रकट हुई, जिसके बाद ऋषि ने यहां हनुमान जी का एक मंदिर बनवा दिया.  

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)

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