शिमला में पुलिस अधीक्षक प्रीति चौधरी ने कहा कि सब इंस्पेक्टर बनने के बाद उनसे कोई शादी नहीं करना चाहता था. दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा कि शादी के लिए जो रिश्ते आते थे, उन्हें लगता था कि पुलिस वाली है. ड्यूटी के लिए अधिकतर समय बाहर ही रहेगी.
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शिमला: हिमाचल की राजधानी शिमला में महिला अधिकारियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का आज यानी मंगलवार को दूसरा दिन था. इस दौरान दूसरे और आखिरी दिन राजस्थान की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रीति चौधरी ने अपना दर्द बयान किया है. उन्होंने कहा कि देश की महिला पुलिस कर्मचारियों को कार्यालयों या फील्ड में ही नहीं, बल्कि समाज और परिवार में भी कई सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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उन्होंने बताया कि सब इंस्पेक्टर बनने के बाद उनसे कोई शादी नहीं करना चाहता था. अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा कि शादी के लिए जो रिश्ते आते थे, उन्हें लगता था कि पुलिस वाली है. ड्यूटी के लिए अधिकतर समय बाहर ही रहेगी. घर में रिश्ते और परिवार को समय नहीं देगी. ऐसे में शादी के लिए उनके परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
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वहीं, दिल्ली पुलिस की सहायक उप निरीक्षक मीनाक्षी राठी की बेटी इशिता ने इस साल यूपीएससी में 8वां रैंक हासिल किया. उन्हें भी अपने बेटी को शिक्षित करने के लिए ससुराल वालों के विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि, इन सब के बावजूद उन्होंने बताया कि वह कैसे आगे अपनी बेटी को बढ़ाती हैं. उनकी बेटी ने बर्मिंघम में देश को मेडल दिलाया. साथ ही बैडमिंटन और अन्य खेलों में देश का नाम रोशन किया.
उन्होंने कहा कि पहने महिला कर्मी को अपनी योग्यता साबित करनी पड़ती थी. उन्हें हल्के में लिया जाता था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. आज पुलिस में महिलाएं ऐसे-ऐसे काम कर दे रही हैं, जिसे पहले केवल पुरुष किया करते थे. तमाम महिलाओं ने पुलिस सेवा में होने बाद भी अपने परिवार को अच्छे से संभाला है. ऐसे में उन्होंने कार्यक्रम में बैठी सभी महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि सभी को किसी भी चीज से घबराने की जरूरत नहीं है. आगे बढ़ें और अपने लक्ष्य को पूरा करे.
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