Himachal News: बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अयोग्य विधायकों की पेंशन बंद करने वाला संशोधित विधेयक पास हो गया. अब इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राज्यपाल की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद यह कानून का रूप लेगा. इस तरह का प्रावधान करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन जाएगा. इससे संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित होने वाले विधायक पेंशन के हकदार नहीं रहेंगे.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा द्वारा पारित नए दलबदल विरोधी विधेयक पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सीएम ने इस पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि अतीत में हुई घटनाओं की श्रृंखला हिमाचल में दोहराई न जाए. प्रदेश में यह निर्णय लिया गया है कि पार्टी से गद्दारी करने वालों को सुविधाएं नहीं दी जाएंगी. एक संदेश देने के लिए यह विधेयक लाया गया है, इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं है.
वहीं, राज्य की वित्तीय स्थिति पर विक्रमादित्य ने कहा कि सीएम ने कहा है कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को 5 सितंबर को वेतन मिलेगा और 10 सितंबर को पेंशन जारी की जाएगी. उन्होंने तर्क दिया कि इस पर एक निश्चित प्रतिशत ब्याज लगता है. इससे सालाना 36 करोड़ रुपये और मासिक करीब 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसलिए ये फैसला लिया गया.
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पिछले दो-ढाई दशकों से हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. हमने समय-समय पर ऋण लिया है और हमें समय-समय पर विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के साथ-साथ केंद्र से भी समर्थन मिला है. आज, राज्य में थोड़ा वित्तीय संकट है. विशेष रूप से नुकसान की वजह से राज्य के राजस्व घाटा अनुदान की कटौती को लेकर, लेकिन सरकार इस दिशा में अहम कदम उठा रही है.
हमें हमारी आबकारी नीति से भी करोड़ों का फायदा हुआ है. राज्य में जल उपकरण लगाया गया है और आज 'भांग' की खेती को वैध बनाने के लिए एक नया विधेयक सदन में पारित होने वाला है. मुझे लगता है कि यह एक गेमचेंजर साबित होगा क्योंकि 'भांग' की खेती सिर्फ औषधियों के रूप में नहीं बल्कि औषधीय प्रयोजनों, कपड़ों आदि के लिए भी की जाती है. अगर इसे कानूनी तौर पर उगाया जाए तो आने वाले समय में राज्य की आय बढ़ेगी.
इसके अलावा बीजेपी सांसद कंगना रनौत के लिए हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी की 'मेकअप' टिप्पणी पर मीडिया के सावल पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हम मंडी सांसद का सम्मान करते हैं. वह एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, लेकिन राजनेताओं, विधायकों और प्रशासन द्वारा हिमाचल का दौरा न करने के लिए कहा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगता है कि यदि वह एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, तो उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ रहना होगा, खासकर संकट के दौरान. बाढ़, बारिश और बादल फटने जैसी सभी घटनाएं उनके निर्वाचन क्षेत्र में हुईं. हम मौके पर पहुंचे और लोगों की हरसंभव मदद की, लेकिन कंगना वहां नहीं दिखी.