Tomato Price Hike: जमीन पर पानी आसमान पर सब्जी. बारिश और बाढ़ के बाद सब्जियों के दाम तीन चार गुना होने से आम जनता भी त्रस्त हैं और विक्रेता भी. दुकानदार भी कम बिक्री होने से परेशान हैं.
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Tamatar ke Rate: देशभर के विभिन्न राज्यों में भारी बरसात से त्राहिमाम-त्राहिमाम जैसा माहौल बना हुआ है. काफी जाने इसमें जा चुकी हैं. क्या नेशनल हाईवे और क्या दूसरे रास्ते सब के सब एक दूसरे से कट चुके हैं. रास्ते बंद होने से खाने-पीने की वस्तुओं की सप्लाई भी एक जगह से दूसरी जगह नहीं हो पा रही हैं.
इसी का परिणाम है कि फल सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. भारी बरसात से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले राज्य हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में हमारे रिपोर्टर ने ग्राउंड जीरो पर इसका जायजा लिया. जहां हमें पूरे देश की तरह ही सबसे ज्यादा असर टमाटर पर ही देखने को मिला.
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जो टमाटर 10 से 15 दिन पहले 30 से 40 रुपये किलो मिल रहा था. वहीं टमाटर आज 200 किलो तक पहुंच गया है. जबकि घीया, बैंगन जैसी सब्जियां भी 20 से 60 रुपये तक जा पहुंची हैं. शिमला मिर्च और हरे मटर तो 100 रुपये के पार हो गए हैं. वहीं तोरी, भिंडी और करेला जो कुछ दिनों पहले तक 30 रुपये किलो बिक रहे थे. वह आज 80 रुपये किलो तक जा पहुंचे हैं.
फलों में सबसे ज्यादा तेजी सेब के दामों में देखने को मिली जो 150-200 रुपये से उछलकर 300 से 350 रुपए किलो तक जा पहुंचे हैं. यही कारण है कि सब्जी खरीदने पहुंच रही जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है. इसका सीधा असर आम जनमानस की जेब पर पड़ा है.
जनता की माने तो वह अब कम सब्जी में ही गुजारा करने पर मजबूर है. यहां तक कि कुछ लोग तो अब बिना टमाटर की सब्जी बना रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इस सबसे केवल सब्जी खरीदने वाले आम जनता ही परेशान है , बल्कि सब्जी विक्रेता भी आसमान छूती महंगाई के कारण सब्जियों की कम बिक्री होने से परेशान हैं .
सब्जी विक्रेताओं की माने तो उनकी बिक्री पहले के मुकाबले आधे से भी कम रह गई है . हालांकि सब्जी विक्रेता भी इसका कारण भारी बरसात के कारण रास्ते बंद होने से सप्लाई के ना होने को मानते हैं.