Paonta Sahib News: सिरमौर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में गिरी नदी के पावन तट पर आठ सौ साल पुराने सिद्व मठ ठौड़ निवाड़ में तीन दिवसीय मेला का आरंभ हुआ.
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Paonta Sahib News: सिरमौर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में गिरी नदी के पावन तट पर स्थित आठ सौ साल पुराने गुरु इतवार नाथ गिरी की तपोभूमि मठ ठोड़ निवाड़ में तीन दिवसीय धार्मिक पांरपरिक एवं एतिहासिक मेले का शुभारंभ हुआ.
मेले का शुभारंभ मठ में गुरू गद्वी की पांरपरिक पूजा व हवन के बाद समाधि यात्रा के साथ हुआ. मठ के अंदर एक अद्भुत धूना स्थित है. मान्यता है कि यह धूना पिछले 800 सालों से लगातार जल रहा है.
समाधि यात्रा के साथ ही तीन दिवसीय मठ तोड़ निवार मिले की शुरुआत हुई. समाधि यात्रा पवित्र गिरी नदी के पावन तट पर स्थित मठ से लेकर गुरू इतवार नाथ की समाधि तक निकाली गई. समाधि यात्रा राजगढ़ क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ शिमला जिले के बलसन क्षेत्र के लोग भी भाग लेते है. यह यात्रा पारम्परिक वाद्यं यंत्रों के साथ मठ से समाधि स्थल तक पहुंचती है और वहां समाधि स्थल पर पूजा अर्चना व झंडा चढ़ाने की रस्म अदा होती है.
उसके बाद यात्रा गुरू इतवार नाथ जी द्वारा लगाये गए सैकड़ों साल पुराने पीपल की पूजा की गई है. इस अवसर पर भक्तों के लिए भंडारे का भी आयोजन होता है. मठ के संचालक विजय भारद्वाज के अनुसार, यह मठ जूना अखाड़ा समुदाय का है और यहां स्थान गुरु इतवार नाथ ने बलसन क्षेत्र के राजा के सहयोग से बनाया था. यहां पर जो धूना जल रहा है वह भी आठ सौ सालों से लगातार जलता आ रहा है.
ऐसा माना जाता है कि सैकड़ों साल पहले यहां गुरु इतवार नाथ ने ही इस धुने में अग्नि प्रज्वलित की थी. यह अग्नि आज भी चल रही है. मान्यताओं के अनुसार, कालांतर में यहां इस क्षेत्र में बाबा इतवार नाथ जी यहां भ्रमण करते हुए आये और यहां क्षेत्र में पानी व वनस्पति यानि वृक्ष आदि नहीं थे. उन्होंने अपनी शक्ति से यहां एक स्थान पर चिमटा मार कर जल निकाला जो आज भी यहां लोगों की प्यास बुझाता है.
इसी तरह उन्होंने एक सुखा डंडा यानी लाटी भूमि में गाड़ थी और उसी से कोंपलें निकल आई और उसने वट वृक्ष का रुप धारण कर लिया. आज भी यह वट वृक्ष यहां मौजूद हैं. इस मठ का संबंध संत समाज के जूना अखाड़े से माना जाता है. इसलिए यहां संत समाज का भी आवागमन लगा रहता है और यहां पूजा का कार्य भी संतों द्वारा किया जाता है.
यहां आने वाले भक्तों को इसी धुनें की भस्म का तिलक किया जाता है. यही भस्म आर्शीवाद के रुप में भक्तों को दी जाती है. यहां आने वाले भक्त गुरु इतवार नाथ को भेंट स्वरूप अन्न यानी अनाज मक्की व गेहूं भेंट करते हैं. इसके साथ-साथ यहां बलसन क्षेत्र से आने वाले भक्तों द्वारा अपने बच्चों का मुंडन संस्कार यही करवाया जाता है.
बता दें, यह मेला तीन दिनों तक चलेगा. इसमें खेल प्रतियोगिता के साथ-साथ सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन होगा और मेले का समापन विशाल दंगल के साथ होगा. ऐसे में सिरमौर और शिमला जिले के हजारों लोग मेले में पहुंचकर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
रिपोर्ट- ज्ञान प्रकाश, पांवटा साहिब