Shimla Landslide: शिमला में धंसता हुआ नेशनल हाईवे लोगों के लिए बना खतरा, संभल कर करें सफर!
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Shimla Landslide: शिमला में धंसता हुआ नेशनल हाईवे लोगों के लिए बना खतरा, संभल कर करें सफर!

Shimla News Today: शिमला जिला के झाकड़ी में नेशनल हाईवे का काफी हिस्सा तेजी से धंसने लगा है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है. 

Shimla Landslide: शिमला में धंसता हुआ नेशनल हाईवे लोगों के लिए बना खतरा, संभल कर करें सफर!

Shimla News: शिमला जिला के झाकड़ी के समीप बरौनी नामक जगह में नेशनल हाईवे का काफी हिस्सा तेजी से धंसने लगा है. इस लैंडस्लाइड के कारण से बार बार यातायात अवरुद्ध हो जा रहे हैं. ऐसे में सफर करना खतरे से खाली नहीं. 

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वहीं, लोगों ने आरोप लगाया कि विभाग जानबूझ इसका कोई हल नहीं निकाल रही है. वहीं, लोगों ने सड़क के साथ लगे स्टोन क्रेशर, मिक्सचर प्लांट एवं माइनिंग गतिविधियों को लैंडस्लाइड का कारण बताया.  

नेशनल नेशनल हाईवे अथॉरिटी का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से कोई स्थायी विकल्प नहीं है. शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के तहत बरौनी नामक स्थान में नेशनल हाईवे 5 लगातार धंसता जा रहा है.  विभाग की ओर से मार्ग को दुरुस्त करने
में करोड़ों रुपए हर साल खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन कोई विकल्प नहीं निकल पाया है. 

लोगों का कहना है कि यह जगह विभाग के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी साबित हो रही है. क्योंकि बार-बार  सड़क धंस रही है और उसे ठीक करने में करोड़ों रुपए हर साल खर्च किए जा रहे है. उन्होंने बताया कि सड़क धंसने  का कारण आसपास के क्षेत्र में अवैज्ञानिक
तरीके से नियमों को ताक पर रख कर खनन करना और स्टोन क्रेशर का. उनका यह भी आरोप है कि इस तरह की गतिविधियों के चलते ही रास्ते और खतरे में जा जाते रहे हैं.

पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी प्रेम सिंह दरेक ने बताया कि जो बरौनी खड्ड का  एरिया है. यह नेशनल हाईवे के लिए ऐसी मुर्गी है जो हर साल सोने के अंडे देती है. इस हिस्से  में हर सीजन के दौरान करोड़ों रुपये खर्च किए जाते है. जो सारा बह जाता है. इस मार्ग का स्थायी विकल्प जानबूझकर नही खोजा जाता. 

उन्होंने बताया दूसरा इस स्थान पर अवैध खनन बड़े स्तर पर  हो रहा है. उस स्थान पर नियमों को ताक पर रखकर  क्रशिंग और मिक्सिंग प्लांट भी स्थापित किया है.  भूमि और सड़क धंसने का सबसे बड़ा कारण है.  ऐसे में उन्होंने स्तरीय जांच की मांग की है.  साथ ही बताया कि अगर अवैध गतिविधियों को नहीं रोका गया तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे. 

नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिशासी अभियंता के एल सुमन ने  बताया कि बरौनी में  स्लाइडिंग की वजह से सड़क क्षतिग्रस्त हो रहा है.  उसको ठीक करने के लिए जो भी तकनीकी तौर से विकल्प है. वो प्रयोग किया जा रहा है. वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से कोई भी स्थायी विकल्प नहीं है. विशेषज्ञों की टीम ने पुल लगाने और सुरंग निकालने की संभावनाओं को खारिज किया है. 

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