Bilaspur News: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलने के बाद बिलासपुर पहुंची सरिता देवी का आईटीआई के अध्यापकों व छात्रों ने जोरदार स्वागत किया. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सम्मान पाने वाली सरिता देवी प्रदेश की पहली शिक्षिका बनीं.
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विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिला के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शमशी में अनुदेशक स्विंग टेक्नोलॉजी पद पर कार्यरत सरिता देवी को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया है. यह पुरस्कार 05 सितंबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा सरिता देवी को दिया गया था, जिसके बाद बिलासपुर पहुंचने पर डोगरा आईटीआई के अध्यापकों व छात्रों ने फूल मालाओं से सरिता देवी का स्वागत किया है.
गौरतलब है कि भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए देशभर से कुल 16 शिक्षकों को चयनित किया गया था, जिसमें बिलासपुर जिला के झंडूता के फगोग गांव की सरिता देवी का भी चयन स्किल डेवलपमेंट एंड एंटर पनोरशिप अवॉर्ड के लिए हुआ था, जिन्हें योग्यता प्रमाण पत्र, पचास हजार रुपये का नकद पुरस्कार और एक पदक दिया गया था, वहीं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में सरिता देवी हिमाचल प्रदेश की पहली ऐसी शिक्षिका है, जिन्हें राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
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यह पुरस्कार उन्हें 05 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्वारा दिया गया था. सरिता देवी ने साल 2004 से लेकर वर्ष 2014 तक डोगरा आईटीआई बिलासपुर में अनुदेशक पद पर कार्य किया है. इस कार्यकाल में उन्होंने अपने हुनर से अधिकांश छात्राओं को प्रशिक्षित किया था. वर्तमान समय में सरिता देवी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शमशी में अनुदेशक स्विंग टेक्नोलॉजी पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने विशेष महिला उत्थान योजना के अंतर्गत अब तक 300 से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षित किया है.
इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा चलाए जा रहे अल्पावधि कोर्स के अंतर्गत 137 प्रशिक्षणार्थियों को एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अल्पावधि कोर्स के अंतर्गत 11 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है. बिलासपुर पहुंचने पर सरिता देवी ने कहा कि अपने काम के प्रति ईमानदार, मेहनत और लग्न बनाए रखना ही सबसे बड़ा ध्येय है, जिस पर चलते हुए उन्होंने आज यह मुकाम हासिल किया है.
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उन्होंने कहा कि डोगरा आईटीआई से ही उन्होंने बतौर शिक्षक के रूप में कार्य की शुरुआत की थी और कड़ी मेहनत व लगन के दम पर आगे बढ़ते हुए उन्हें आज यह राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया है. वहीं इस अवसर पर इंद्र सिंह डोगरा ने कहा कि सादगी व सरलता की प्रतीक सरिता देवी ने अपनी कड़ी मेहनत से यह राष्ट्रपति पुरस्कार जीता है. इसके लिए वह बधाई की पात्र हैं.
तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े अध्यापकों के लिए सरिता देवी एक आदर्श के रूप में सामने आईं है, जिन्होंने यह साबित किया है कि साधारण रहते हुए भी असाधारण काम किया जा सकता है और कोई व्यक्ति पूरी ईमानदारी व लगन के साथ काम करे तो उसका फल अवश्य मिलता है.
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