Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने तोड़ी पर्यटन की कमर, कई होटल हुए बंद!
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Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने तोड़ी पर्यटन की कमर, कई होटल हुए बंद!

Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने पर्यटन की कमर तोड़ दी है. प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री रामलाल ठाकुर का कहना कुल्लू-मनाली के कई बड़े होटल बंद हुए तो लिज़ भी कैंसिल करवाई. 

Himachal Tourism: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने तोड़ी पर्यटन की कमर, कई होटल हुए बंद!

Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर ने प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर भाजपा के शीर्ष नेता पर मीडिया की सुर्खियों में छाए रहने के प्रति आधारहीन बयानबाजी करने का आरोप लगाया है. 

रामलाल ठाकुर का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने स्वास्थ्य की भी परवाह किये बिना ही रात दिन एक कर आपदा से पीड़ित लोगों की सहायता करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तो दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल प्रदेश सरकार की असफलताओं को गिनवाने में जुटे रहते हैं. 

साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को प्रदेश सरकार के कार्यकाल पर सवाल खड़े करने से पूर्व जनता के सामने अपना पक्ष रखें कि उन्होंने कितनी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने व विशेष राहत पैकेज दिलवाने के मामले में मिले हैं. 

वहीं रामलाल ठाकुर का आरोप है कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान शून्य के समान सहायता की है और केंद्र ने हिमाचल को अन्य राज्यों की तर्ज पर मिलने वाला रूटीन का पैसा ही दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड व गुजरात में प्राकृतिक आपदा को लेकर दिल खोलकर हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराई है, लेकिन हिमाचल की जनता के लिए केंद्रीय नेताओं की मुट्ठी हमेशा ही बंद नजर आई है. 

आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने पर्यटन की कमर तोड़ के रख दी है जिसका नतीजा है कि कुल्लू-मनाली में पर्यटकों की संख्या घटी है और कई बड़े होटल बंद हो गए हैं. इसके साथ ही कई होटल संचालकों ने लीज कैंसिल करवा दी है तो कई होटल संचालको ने बिजली का बिल ना देने पाने के चलते बिजली का कनेक्शन ही कटवा लिया है.

आपदा की मार सेब बागवानों पर भी पड़ा है. जिसके चलते सेब की पैदावार काफी घट गई है और सेब बागवानों की आर्थिक हालात खराब हो चले हैं. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर केंद्र हिमाचल प्रदेश को विशेष राहत पैकेज जारी करता तो प्रदेश सरकार को आपदा प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए 8 हजार करोड़ का अतिरिक्त ऋण ना लेना पड़ता. 

साथ ही कहा कि प्रदेश में आई इस प्राकृतिक आपदा से निपटते हुए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 05 से 07 साल लगने की बात कहते हुए भाजपा नेताओं से आपदा की घड़ी में राजनीतिक रोटियां सेकने के बजाए प्रदेश सरकार की मदद करने व केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग की अपील की है.

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