Shimla Ropeway News: हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला देश का सबसे लंबा Ropeway बनेगा. इससे यातायात की समस्या से लोगों को छुटकारा मिलेगा.
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Shimla Ropeway: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के लोगों के लिए अच्छी खबर है. ऐसा इसलिए क्योंकि शहर में रोपवे शुरू होने जा रहा है. दरअसल, शिमला में बढ़ती वाहनों की संख्या शहर में यातायात एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे निजात दिलाने के लिए सरकार शहर में रोपवे बनाने जा रही है, जो देश का सबसे लंबा रोपवे प्रोजेक्ट होगा.
इसको लेकर बुधवार को शिमला में रोपवे और रेपिड सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें 14 किलोमीटर लंबे बनने वाले रोपवे प्रोजक्ट को लेकर मंथन किया गया. संगोष्ठी में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे.
शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्टेशन रोपवे पर आयोजित "सिंपोजियम" कार्यक्रम में शिरकत की।
शिमला में 1734.70 करोड़ रुपए की लागत से प्रस्तावित रोपवे को लेकर विस्तृत चर्चा की।
यहां पर लोगों को ईको फ्रेंडली, यातायात की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। शहर में दुनिया के दूसरा सबसे लंबा… pic.twitter.com/tofWP3FL8c
— Mukesh Agnihotri (Agnihotriinc) July 31, 2024
1,734 करोड़ की लागत से बनेगा रोपवे
शिमला इनोवेटिव अर्बन ट्रांसपोर्टेशन रोपवे पर आयोजित "सिंपोजियम" कार्यक्रम में मुकेश अग्निहोत्री ने शिरकत की. इस दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि शिमला में बनने वाला रोपवे दुनिया का दूसरा जबकि भारत का पहला सबसे बड़ा रोपवे में होगा. 1,734 करोड़ की लागत से बनने वाले इस रोपवे में 220 के करीब ट्रॉली लगाई जाएगी और 14 स्टॉपेज बनाए जाएंगे. यहां पर लोगों को ईको फ्रेंडली, यातायात की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी. इसकी सारी औपचारिकताएं तेज गति से पूरी की जा रही हैं.
कहां से कहां तक चलेगी रोपवे
तारा देवी से ओल्ड बस स्टैंड, टूटीकंडी, 102 टनल, विक्ट्री टनल, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार से सचिवालय तक ये रोपवे जाएगा. रोप वे प्रोजेक्ट से संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है. वर्ष के अंत या नए साल तक इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा. दो साल में पहले चरण का कार्य खत्म होगा. जबकि पांच सालों में प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के अलावा रोपवे निर्माण से पर्यटन और ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कई निवेशक रज्जु मार्ग के निर्माण कार्य कर रहे हैं. चिंतपूर्णी और रोहतांग में प्रस्तातिव रज्जु मार्ग का निर्माण कार्य भी हिमाचल ही कर रहा है.हमारे लिए गर्व की बात है कि हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के रज्जू मार्ग तैयार करने में हिमाचली अहम भूमिका निभा रहे है. हिमाचल प्रदेश स्विट्जरलैंड और आस्ट्रिया की तरह रज्जु मार्गों का जाल प्रदेश में बिछाएगा.
उन्होंने कहा कि यूरोप के देशों में 25000 हजार के करीब रज्जु मार्ग प्रोजेक्ट है जबकि भारत में 20 के करीब ही अभी तक रज्जु मार्ग बन पाए हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश में रज्जु मार्ग की संख्या में इजाफा हो रहा है. बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध में रोप वे बनाने को लेकर कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है.
बगलामुखी मंदिर में रज्जु मार्ग बन कर तैयार हो चुका है. इसका भी जल्द उद्घाटन होगा, जो कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सार्थक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला में भारत और एशिया का पहला 15 स्टेशनों को जोड़ने वाला 13.79 किलोमीटर लंबा रज्जु मार्ग बनेगा.
इस मौके पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, स्थानीय विधायक श्री हरीश जनार्था, नगर निगम मेयर श्री सुरेन्द्र चौहान सहित आला अधिकारी मौजूद रहे.
रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला