Farmer News: देश के कई हिस्सों में इन दिनों लगातार बेमौसमी बारिश हो रही है, जिसकी वजह से मई में जब भयानक गर्मी तब गर्मी से राहत है, लेकिन ये बरसात किसानों के लिए आफत बनकर आई है.
Trending Photos
ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: सिरमौर जिले के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में कई दिनों से हो रही बारिश से मौसम सुहावना हो गया है, लेकिन बारिश और नमी से गेंहू और जौ जैसी फसलों को काफी नुकसान हो रहा है जो खेतों में कटने को तैयार खड़ी थीं. वहीं, मौसम में हुए इस बदलाव से टमाटर, लहसुन सहित कई सब्जियों को फायदा पहुंच रहा है. दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों में यह बारिश गेहूं की फसल के लिए आफत बनकर आई है. मैदानी क्षेत्रों में खेतों में खड़ी गेंहू की फसल खराब होनी शुरू हो गई है.
फलदार पेड़-पौधों को भी हो रहा नुकसान
पहाड़ी क्षेत्रों में डेढ़ महीना पहले किसानों को बारिश नहीं होने से सूखा पड़ने की चिंता से सता रही थी और अब जब फसलें तैयार हो रही हैं तो बेमौसमी बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले चार पांच दिनों से रुक-रुक कर बरसात हो रही है जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों, हरिपुरधार और नोहराधार में ओले भी पड़ रहे हैं. इन क्षेत्रों में जंहा गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है, वहीं फलदार पेड़-पौधों को भी ओलाबृष्टि से काफी नुकसान हुआ है.
ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh: बागवानों को प्रशिक्षण के साथ मुहैया कराई जाएगी उचित सुविधा
पेड़-पौधों से झड़ने लगे छोटे-छोट फल
ओलावृष्टि से फलदार पौधों में आए फूल और छोटे फल झड़ गए हैं. ऐसे में बागवानों को यह डर सता रहा है कि अगर मौसम ऐसे ही खराब बना रहा और ओलावृष्टि होती रही तो फलदार पौधों को भारी नुकसान होगा. हालांकि टमाटर और लहसुन जैसी नकदी फसलों के लिए बारिश अच्छी मानी जा रही है, लेकिन अगर कुछ दिन और इसी तरह बारिश होती रही तो लहसुन की जड़ें भी खराब होनी शुरू हो जाएंगी, जिससे हर फसल को नुकसान होगा.
ये भी पढ़ें- Farmer News: हिमाचल प्रदेश में बागवान और किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई करेगी सरकार?
नमी हो रहा नुकसान
ऐसे में अब किसानों को क्षेत्र की प्रमुख फसल लहसुन के खराब होने का भी डर सताने लगा है. दूसरी ओर जिले के मैदानी क्षेत्र पांवटा दून क्षेत्र में गेहूं की फसल को बारिश से होने वाली नमी से भारी नुकसान हो रहा है. हालांकि मौसम का बिगड़ा हुआ रुख देखते हुए अधिकतर किसानों ने जल्द से जल्द फसल काटने की कोशिश की, लेकिन अभी भी बहुत से किसानों की फसल खेतों में ही खड़ी है.
WATCH LIVE TV