Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान के बाद अब प्रदेश में मानूसन सत्र बुलाने की मांग उठ रही है. हर साल मानसून सत्र अगस्त महीने में शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार इसमें देरी हो रही है.
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समीक्षा कुमारी शिमला: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को देखते हुए इस बार मानसून सत्र देरी से आयोजित होने की संभावना है. ऐसे में विपक्षी दल भाजपा ने इसे लेकर सवाल खड़े किए हैं और सरकार पर चर्चा से भागने के आरोप लगाए हैं. बीते दिन शिमला में भाजपा विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर जल्द से जल्द मानसून सत्र बुलाने की मांग की गई. इसके अलावा आपदा राशि मे धांधली के आरोप लगाए गए.
मानसून सत्र बुलाने की मांग
भाजपा के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में इस बार बारिश से भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में आपदा को देखते हुए बीते दिन भाजपा विधायक दल की बैठक शिमला में बुलाई गई, जिसमें जान गवाने वाले लोगों को आत्मा की शांति की प्रार्थना की गई. इसके अलावा कई प्रस्ताव भी पारित किए गए. इसमें मुख्य रूप से प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने की मांग की गई है.
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सरकार मानसून सत्र बुलाने में कर रही देरी
उन्होंने कहा कि सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र का दौरा करके आ गए हैं. ऐसे में अब सरकार को विधानसभा मानसून सत्र बुलाना चाहिए जो कि अगस्त महीने में आयोजित होता है, लेकिन सरकार इस बार देरी से सत्र आयोजित करवाने जा रही है, जबकि आपदा के इस समय में सरकार को समय पर सत्र का बुलाना चाहिए.
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भ्रष्टाचार होने की आशंका
उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में सरकार राजनीति कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा दिल खोल कर मदद दी गई है, लेकिन ये सरकार केंद्र का आभार व्यक्त नहीं कर रही है. यही नहीं सरकार द्वारा आपदा राहत राशि में भी गड़बड़ की जा रही है. राहत राशि अधिकारी नहीं बल्कि कांग्रेस के नेता बांटने का काम कर रहे हैं. इस राहत के तौर पर नगद पैसे दिए जा रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार होने की आशंका भी रहती है जबकि सरकार को ये राहत राशि सीधे प्रभवितों के खाते में डालनी चाहिए.
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