हिमाचल में जन्म से अंधी बेटी ने कर दिया कमाल, बिना आंखों की रोशनी..अपने सपनें किए पूरे
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1737815

हिमाचल में जन्म से अंधी बेटी ने कर दिया कमाल, बिना आंखों की रोशनी..अपने सपनें किए पूरे

Himachal Latest news: जन्म से अंधी बेटी जब अंर्तमन की आंखों से बड़े सपने देखना शुरू करती है तो कोई ताकत उसे रोक नहीं सकती. ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है मंडी जिले की प्रतिभा ने.

हिमाचल में जन्म से अंधी बेटी ने कर दिया कमाल, बिना आंखों की रोशनी..अपने सपनें किए पूरे

कोमल लता/मंडी: जन्म से अंधी बेटी जब अंर्तमन की आंखों से बड़े सपने देखना शुरू करती है तो पिता की उम्मीदों को पंख लगना स्वाभाविक हो जाता है. हम आपसे इसलिए ऐसा बोल रहे हैं क्योंकि,  मंडी के सदर क्षेत्र की तरनोह पंचायत की प्रतिभा ने इस बात को साबित किया है.  बता दें प्रतिभा का चयन राजनीतिक विज्ञान की अस्सिटेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है. जो काफी गर्व की बात इसलिए है, क्योंकि प्रतिभा जन्म से देख नहीं सकती हैं. 

Bigg Boss OTT 2: बिग बॉस ओटीटी पर नजर आएंगे ये कंटेस्टेंट्स, जानें कब और कहां देखें बिग बॉस

बता दें, प्रतिभा  जन्म से दिव्यांग होने के बावजूद छोटे-छोटे सपने देखने शुरू किए और उन्हें पूरा करने की जिद मन में ठान ली.  प्रतिभा के पिता पत्रकार खेमचंद शास्त्री बताते हैं कि प्रतिभा बचपन में बहुत इलाज करवाया.  मगर उसकी आंखों की रौशनी नहीं लौट सकी.  उसने स्कूल जाने की जिद की तो पूरा परिवार परेशान हो गया. 

हालांकि,  प्रतिभा ने स्व. धनीराम ठाकुर मैमोरियल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरयारा से जमा दो और वल्लभ कालेज मंडी से बीए, एमए , बीएड और एमएड प्रथम श्रेणी में पास की.  इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्व विद्यालय में 2020 में प्रतिभा का चयन पीएचडी राजनीतिक शास्त्र के लिए हुआ. 

पिता खोमचंद शास्त्री ने बताया कि प्रतिभा बचपन से ही शिक्षा के क्षेत्र में या फिर विदेश मंत्रालय में सेवाएं देने की इच्छा थी. प्रतिभा कभी अपनी दिव्यांगता को अपनी राह का रोड़ा नहीं मानती.  बस मेहनत और संघर्ष को ही सफलता का मूल मंत्र मानती रही है.  जिसकी वजह से वह आज इस मुकाम पर पहुंची है.  

 Aadhaar Card: आधार कार्ड को फ्री में अपडेट करने की आखिरी डेट आज, कल से लगेंगे इतने रुपये!

जानकारी के अनुसार, प्रतिभा को पढ़ाई के अलावा समाज सेवा और साहित्य लेखन में भी रूचि रही है.  खासकर कविता और लघु कथांए लिखने शौक भी है.  स्कूल से विश्वविद्यालय तक विभिन्न प्रतिोगिताओं में वो भाग लेती रही है.  वहीं समय-समय पर रक्तदान भी करती रही हैं.   प्रतिभा ने अपनी सफलता का श्रेय  अपने माता-पिता और गुरूजनों प्रो. अजय श्रीवास्तव, प्रो. महेंद्र यादव, प्रो. चमन लाल क्रांति को देती है.  जिनके सहयोग और मार्ग दर्शन के बल पर वह सफलता के इस मुकाम को हासिल कर सकी है. 

Trending news