Himachal Pradesh की राजनीति में हुई चिकन मटन की एंट्री, ठंड के साथ राजनीति में बढ़ा पारा
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Himachal Pradesh की राजनीति में हुई चिकन मटन की एंट्री, ठंड के साथ राजनीति में बढ़ा पारा

Una News: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में चिकन मटन की एंट्री हो गई है. ऊना के नौहारिया में मां चिंतपूर्णी के नाम पर बनाए गए  आईटीआई के उद्घाटन में चिकन मटन परोसने पर भाजपा ने सवाए उठाए हैं. 

 

Himachal Pradesh की राजनीति में हुई चिकन मटन की एंट्री, ठंड के साथ राजनीति में बढ़ा पारा

राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल प्रदेश में मौसम सर्द होने के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति में गर्माहट होती दिखाई दे रही है. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने प्रदेश सरकार पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के कार्यक्रम के दौरान नैहरिया में मां चिंतपूर्णी के नाम पर बनाई गई आईटीआई के भवन के उद्घाटन के मौके पर चिकन मटन परोसने पर निशाना साधा.

दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन नैहरिया में मां चिंतपूर्णी के नाम पर बनाए गए आईटीआई भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान लंच की व्यवस्था भी की गई थी, जिसका सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा गया कि लंच के दौरान चिकन को एक बर्तन के ऊपर रखा गया और साथ में कुछ लोग खाना भी खा रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद सतपाल सत्ती ने इस पूरे मामले पर सरकार को घेरा है.

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उन्होंने कहा है कि एक तरफ सरकार जहां पैसे का रोना रो रही है कि उनके पास पैसा नहीं है, वही मां चिंतपूर्णी के नाम पर बनाई गई आईटीआई भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां सार्वजनिक तौर पर चिकन-मटन परोसा गया है जो सही नहीं है. हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक तौर पर चिकन मटन परोसने की यह पहली घटना है. सतपाल सत्ती ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'कांग्रेस के गुर्गे खा रहे हैं मुर्गे और मरीजों के ढीले हो गए गुर्दे'. उन्होंने इस पूरे मामले पर सुखविंदर सुक्खू को सनातनी बताया है. साथ इस प्रकार सार्वजनिक तौर पर चिकन-मटन परोसने पर भी ऐतराज जताया. 

सतपाल सत्ती ने कहा कि सरकारी पैसे का कार्यक्रमों में दूरुपयोग होता दिखा तो भाजपा इसका विरोध करने से परहेज नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां कार्यक्रमों में चिकन मटन परोसा जा रहा है, वहीं प्रदेश के 75 लाख लोगों को अगले माह से 'हिम केयर कार्ड' के जरिए इलाज मिलना बंद हो जाएगा, क्योंकि प्रदेश के 128 अस्पतालों ने करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान न होने के चलते हिमाचल प्रदेश के 75 लाख लोगों को इलाज न दिए जाने से साफ इनकार कर दिया है.

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उन्होंने कहा है कि एक तरफ सरकार ऐश परस्ती कर रही है, वहीं दूसरी तरफ हिम केयर कार्ड का पैसा जारी नहीं कर रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम से कहा है कि वह इस मामले पर संज्ञान लें ताकि प्रदेश के लोगों को हिम केयर कार्ड के जरिए इलाज मिलता रहे. उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां 'हिम केयर कार्ड' का भुगतान नहीं हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ आयुष्मान कार्ड जो नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया है उसके जरिए इलाज जारी है. अस्पतालों को उनका केंद्र सरकार लगातार भुगतान कर रही है.

वहीं इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान मंजूर की गई स्कीमों के शिलान्यास और उद्घाटन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि जो भी शिलान्यास और उद्घाटन कांग्रेस के नेता कर रहे हैं, पूर्व में रही जयराम सरकार द्वारा उन स्कीमों को अप्रूवल और पैसा जारी किया गया था जबकि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद कोई नई स्कीम अप्रूव नहीं की है और ना ही इसका शिलान्यास और उद्घाटन किया है.

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वहीं सतपाल सत्ती ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला को नंबर वन जिला बनाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किया. कई बड़े प्रोजेक्ट ऊना में लाकर ऊना जिला को नंबर वन जिला बनाया था, लेकिन प्रदेश सरकार के कार्यकाल में इसे त्राहि त्राहि किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा कांग्रेस को आने वाले लोकसभा चुनावों में भुगतना पड़ेगा, क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा लीड बीजेपी को मिलने वाली है. 

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