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विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित सीमेंट कंपनी प्रबंधन व ट्रक ऑपरेटर्स के बीच माल भाड़ा किराये को लेकर हुए विवाद को 22 दिन पूरे हो गए. गुरुवार को कंपनी प्रबंधन के खिलाफ बीडीटीएस के बैनर तले ट्रक ऑपरेटर्स ने चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे 205 स्थित स्वारघाट में रोष रैली निकाल कर अडानी ग्रुप के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद एसडीएम स्वारघाट के जरिए प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी भेजा गया.
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वहीं इस दौरान बीडीटीएस बरमाणा के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर कंपनी प्रबंधन जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तो आने वाले समय में ट्रक ऑपरेटर्स चक्का जाम और उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. साथ ही कहा कि पिछले 21 दिनों से वह शांतिप्रिय तरीके रोष यात्रा निकालकर प्रदर्शन कर रहे है और उनके इस आंदोलन ने अभी उग्र रूप नहीं लिया है, लेकिन कंपनी प्रबंधन और प्रदेश सरकार का अगर ऐसा ही रवैया रहेगा और जल्द से जल्द प्लांट ना खोलने के साथ ही ऑपरेटर्स की मांगे पूरी नहीं कि गई, तो मजबूरन उन्हें उग्र आंदोलन करना पड़ेगा और इसकी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन और सरकार की ही होगी.
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वहीं ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि सीमेंट प्लांट बंद होने से उनके रोजगार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. वह गाड़ियों की किस्तें तक नहीं दे पा रहे हैं, जिससे ऑपरेटरों में खासी नाराजगी है. ऐसे में उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही प्रदेश सरकार सीमेंट कंपनी प्रबन्धन से बात कर प्लांट खुलवाएगी और उनकी मांगे पूरी की जाएंगी.
बता दें, हिमाचल में सीमेंट माल भाड़े को लेकर अडाणी ग्रुप और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच तना-तनी बनी हुई है. इस कारण दाड़लाघाट की अंबुजा और बरमाणा की ACC सीमेंट फैक्ट्री 21 दिनों से बंद है. रेट तय करने को लेकर लिए कई फॉर्मूलों पर दोनों पक्षों में बात चीत हुई, लेकिन दोनों के बीच समझौता नहीं हो पाए.
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