Bilaspur News: हिमाचल सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर 11 दिसंबर को बिलासपुर में आयोजित होने वाले समारोह को लेकर स्थल का जायजा लेने लुहनू ग्राउंड पहुंचे कैबिनेट मंत्री राजेश धर्मानी.
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Bilaspur News: दिसंबर में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, जिसको लेकर बिलासपुर के लुहनू मैदान में भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा.
वहीं, इस समारोह को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस हाईकमान के शीर्ष नेतृत्व में शामिल राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खड़गे व राजीव शुक्ला को भी कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया है. वहीं कार्यक्रम के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन काफी संजीदा है, जिसको लेकर सोमवार को प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी लुहनु मैदान पहुंचे और उनके साथ प्रशासनिक अधिकारी व कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे.
इससे पहले 28 नवंबर को प्रदेश के राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने भी कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया था और 5 दिसंबर को जगत सिंह नेगी बिलासपुर पहुंचकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और कार्यक्रम आयोजन को अंतिम रूप देंगे.
राजेश धर्मानी ने कहा कि सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर 11 दिसंबर को बिलासपुर में एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें 20 हजार से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. इसके साथ ही कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के पिछले दो वर्षों की उपलब्धियां बताई जाएंगी. इसके अलावा प्रदेश के अगले तीन वर्षों के विकास कार्यों और योजनाओं का रोडमैप भी जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
साथ ही मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन से प्रदेश की जनता को सरकार की नीतियों और कार्यों की जानकारी मिलेगी, तो साथ ही आने वाले वर्षों में प्रदेश के विकास की दिशा का भी परिचय मिलेगा. वहीं उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मिल-जुलकर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तत्परता और समर्पण के साथ कार्य करें. ताकि इस समारोह को एक जश्न के रूप में मनाया जा सके.
इसके साथ ही राजेश धर्मानी ने कहा कि बिलासपुर जिला में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 1078 किसानों को हिमाचल प्रदेश सरकार ने राहत मैन्युअल में बदलाव करते हुए 57 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की है. वहीं उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान बाढ़ से प्रभावित कृषि भूमि के लिए मात्र 1400 रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था. इसे वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है.
इसी प्रकार कृषि और बागवानी योग्य भूमि को नुकसान होने पर पहले 3600 रुपये प्रति बीघा की आर्थिक मदद दी जाती थी, जिसे अब 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है. फसल क्षति पर मिलने वाला मुआवजा भी 300 से 500 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति बीघा किया गया है.
राजेश धर्मानी ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार आपदा प्रभावित लोगों व किसानों को हर राहत देने लिए कार्य कर रही है, जिसके तहत प्राकृतिक आपदा के चलते आंशिक व पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों को लेकर जहां लोगों को मुआवजा राशि दी गयी है तो साथ ही ऐसे परिवारों की भी पहचान की जा रही है, जिनकी जमीन पूर्ण रूप से भूस्खलन की चपेट में आ गयी है और उनके पास घर बनाने के लिए भी जमीन नहीं है. उन्हें राहत देने के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है और जल्द ही उनकी भी मदद की जाएगी.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर