Cinematograph Bill 2023: "पायरेसी के खिलाफ कड़े नियमों की सख़्त जरूरत," सिनेमैटोग्राफ बिल पर बोले पंजाबी निर्देशक सतिंदर देव
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Cinematograph Bill 2023: "पायरेसी के खिलाफ कड़े नियमों की सख़्त जरूरत," सिनेमैटोग्राफ बिल पर बोले पंजाबी निर्देशक सतिंदर देव

Satinder Dev on Cinematograph Bill 2023 and Piracy: सिनेमैटोग्राफ संशोधन बिल 2023 में मौजूद प्रावधानों को लेकर ज़ी मीडिया ने पंजाबी निर्देशक सतिंदर देव से बातचीत की. 

Cinematograph Bill 2023: "पायरेसी के खिलाफ कड़े नियमों की सख़्त जरूरत," सिनेमैटोग्राफ बिल पर बोले पंजाबी निर्देशक सतिंदर देव

Satinder Dev on Cinematograph Bill 2023 and Piracy news in Hindi: भारत में फिल्मों की पायरेसी एक अहम मुद्दा बना हुआ था और इसको रोकने के लिए कई सालों से आवाज़ उठाई गई. इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा पायरेसी को रोकने के लिए संसद में सिनेमैटोग्राफ संशोधन बिल लाया गया और उसे लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी भी मिल गई. इस बिल के तहत फिल्मों की पायरेसी को रोकने के लिए सख़्त नियम बनाए गए हैं. पंजाबी निर्देशक सतिंदर देव ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि पायरेसी के खिलाफ कड़े नियमों की सख़्त जरूरत है. 

बता दें कि संसद द्वारा सोमवार को सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक 2023 पास किया गया जिसके तहत फिल्मों का आयुवर्ग के हिसाब से वर्गीकरण और फिल्‍म इंडस्ट्री को पायरे‍सी से बचाने के प्रावधान हैं. इस बिल में पायरेसी करने पर कुसूरवारों के खिलाफ जुर्माने और सजा का प्रावधान शामिल किया गया है.

इस बिल में मौजूद प्रावधानों को लेकर ज़ी मीडिया ने पंजाबी निर्देशक सतिंदर देव से बातचीत की. उन्होंने जहां पायरेसी के खिलाफ इस बिल को समर्थन दिया वहीं इस बिल के एक प्रावधान पर स्पष्टीकरण की मांग भी की. 

सरकार को फ़िल्में एग्जामिन करने के अधिकार, बोर्ड को आदेश दे सकती है सरकार! 

सिनेमैटोग्राफ बिल में एक कानून है जो सरकार अधिकार देती वह सेंसर बोर्ड द्वारा सर्टिफाइड फिल्मों को एग्जामिन कर सकते हैं और जो फिल्में सेंसर बोर्ड के पास होल्ड हैं, उनको लेकर सरकार ऑर्डर जारी कर सकती है. इतना ही नहीं बल्कि बोर्ड को आदेश के मुताबिक मामलों का निपटारा करना भी अनिवार्य होगा. 

'प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए' 

इस पर पंजाबी निर्देशक सतिंदर देव ने कहा यह प्रक्रिया लंबी हो जाएगी और दूसरा इस पर स्पष्टीकरण करने की भी आवश्यकता है कि यह पहले बोर्ड के पास जाएगा या सरकार द्वारा गठित कमेटी के पास? इसके अलावा सतिंदर देव का यह भी मानना है कि प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए पर यह प्रक्रिया को और लंबा कर देगा. 

पायरेसी के खिलाफ सख़्त होंगे कानून!  

इस कानून के मुताबिक पायरेसी करते हुए पकड़े जाने वाले लोगों को 3 साल तक की जेल और फिल्म की लागत का 5 प्रतिशत जुर्माना लगेगा और यदि किसी फिल्म 100 करोड़ रुपए के बजट में बनी है तो और उस फिल्म की पायरेसी करते हुए कोई पकड़ा गया तो उस पर 5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगेगा. 

'जितने सख़्त कानून, उतना होगा अपराधियों में डर' 

इस फैसले का समर्थन करते हुए निर्देशक सतिंदर देव ने कहा कि यह एक अच्छा फैसला है. उन्होंने कहा, "जितने सख़्त कानून होंगे, उतना ही लोग इस जुर्म को करने से डरेंगे. आप साउथ इंडस्ट्री को देखिए, वहां खुद लोग पायरेसी के खिलाफ हैं. पायरेसी के खिलाफ कानून जितने सख्त हों उतना अच्छा है क्योंकि यह सीधा-सीधा इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचता है."  

'पंजाबी इंडस्ट्री को पायरेसी से सीधा नुकसान!' 

निर्देशक सतिंदर देव ने आगे कहा कि पंजाबी इंडस्ट्री अभी आगे बढ़ रही है और फिलहाल फ़िल्में उतनी बड़ी बजट की नहीं बनती, लिहाज़ा अगर फिल्म पायरेसी का शिकार हो जाए तो यह इंडस्ट्री को सीधा नुकसान है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री के बाद पंजाबी इंडस्ट्री ही है जो इन दोनों इंडस्ट्री को टक्कर देने की कोशिश कर रही है. इसलिए भी पायरेसी से पंजाबी इंडस्ट्री को सीधा नुकसान होता है. 

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