राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1942 को हुआ था और 18 जुलाई 2012 को उनकी मृत्यु हो गई थी. वह एक भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता और राजनीतिज्ञ थे. उन्हें भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार के नाम से भी पहचाना जाता है.
फिल्म: आनंद
"बाबूमोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं..मौत के डर से अगर जिंदा रहना छोड़ दूं, तो मौत किसे कहते हैं? बाबूमोशाय जब तक जिंदा हूं, मैं मरा नहीं हूं. जब मर गया, साला में ही नहीं. तो फिर डर किस बात का.
फिल्म: आ अब लौट चलें
"जिसका दिल ग़म की तन्हाइयों में उजड़ गया हो, वो बाहर से कितना ही सेहतमंद लगता हो, लेकिन अंदर से तो बीमार ही रहता है"
फिल्म: आनंद
"ऐ ! बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है. उसे न आप बदल सकते हैं और न मैं"
फिल्म: आनंद
"बाबु मोशाय, जिंदगी और मौत उपरवाले के हाथ में है जहापनाह ! जिसे ना आप बदल सकते है ना मैं. हम सब तो रंगमंच की कठपुतलिया है, जिसकी डोर ऊपरवाले की उंगलीयों मे बंधी है. कौन, कब, कैसे उठेगा कोई नहीं जानता."
फिल्म: द ट्रेन
"औरत वो हसीन पहेली है जिसे समझने के लिए इंसान बार-बार गलती करता है, मगर फिर भी समझ नहीं आता"
फिल्म: अमर प्रेम
"मैंने तुमसे कितनी बार कहा पुष्पा मुझे ये आंसू नहीं देखे जाते, आई हेट टियर्स.."
ट्रेन्डिंग फोटोज़