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Himachal Pradesh CAG Report: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2022-23 की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की वित्तीय हालत काफी खराब हो गई है. मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य की राजस्व प्राप्तियों और राज्य की सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों का एक गंभीर लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, जिसमें खुलासा हुआ कि 12 निगमों और बोर्डों ने सामूहिक रूप से 4,901.51 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड 1,809.61 करोड़ रुपये का घाटा झेलते हुए सूची में सबसे आगे है. इसके बाद हिमाचल सड़क परिवहन निगम है, जिसने 1,707.12 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया और हिमाचल प्रदेश वित्तीय निगम, जिसने 180.97 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया. ये बढ़ते घाटे इन संगठनों में व्यापक वित्तीय पुनर्गठन और परिचालन सुधारों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.
राज्य की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के लिए आवश्यक एचआरटीसी को भी 1,707.12 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो रहा है. उच्च परिचालन लागत, किराए से कम राजस्व और उबड़-खाबड़ इलाकों के कारण बार-बार रखरखाव की जरूरत जैसे कारकों ने निगम के वित्त को और अधिक प्रभावित किया है.
हिमाचल प्रदेश की साल 2022-23 की कैग रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022-2023 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद 7.26 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर से बढ़कर साल 2018-2019 के 1,48,383 करोड़ से बढ़कर 1,95,405 करोड़ हुई.
साल 2022-2023 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में साल 2021-2022 की तुलना में 10.86 प्रतिशत तक बढ़ा, जबकि राजस्व प्राप्तियां मात्र 2.09 तक बढ़ीं. साल 2022-2023 के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-2022 की तुलना में 10.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
राजस्व प्राप्तियां मात्र 2.09 प्रतिशत तक बढ़ीं. घरेलू उत्पाद से राजस्व प्राप्तियों का प्रतिशत साल 2021-22 के लिए 21.17 प्रतिशत से घटकर 19.49 प्रतिशत तक रह गया. इस अविध के दौरान राजस्व में 8.29 प्रतिशत की वृद्धि हुई. राज्य के स्व कर राजस्व में 9.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
हिमाचल प्रदेश राज्य का कुल व्यय साल 2021-2 में 42,602 करोड़ से 18.69 प्रतिशत बढ़कर 50,565 करोड़ हो गया. इसमें राजस्व व्यय में साल 2021-22 से 22.74 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. साल 2021-2022 का राजस्व अधिशेष 1,115 करोड़ से 2022-2023 के दौरान राजस्व घाटे में बदल गया, जबकि राजकोषीय घाटा वर्ष 2021-22 के 5,245 करोड़ से बढ़कर साल 2021-2023 में 12,380 हो गया.
साल 2018-19 से साल 2022-23 तक राजस्व प्राप्तियां 30,950,32 करोड़ से 38,089.50 करोड़ की वृद्धि हुई, जिसकी औसत वार्षिक वृद्धि दर 6.97 प्रतिशत रही. इस अवधि के दौरान पूंजीगत प्राप्तियां भी 1,784,70 करोड़ से बढ़कर 12,331,41 करोड़ हो गई.
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