भगवान राम के पास रावण के खिलाफ युद्ध में विशाल सेना थी, जिसमें करीब एक लाख वानर सैनिक थे. इसमें भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस युद्ध के बाद वानर सेना का क्या हुआ. वह कहां गई.
Chandra Shekhar Verma
Apr 24, 2023
लंका युद्ध
लंका युद्ध में वानरों की ये सेना लगभग नए किस्म की थी. इन्होंने इससे पहले किसी बड़े युद्ध में हिस्सा नहीं लिया था. ऐसे में भगवान राम ने ही इनको प्रशिक्षण दिया था. इन्होंने रावण के महारथियों के खिलाफ बड़ी बहादुरी के साथ युद्ध किया और उनको परास्त किया था.
रावण का वध
भगवान राम ने जब लंकापति रावण का वध कर जीत हासिल की थी. इसके बाद इतनी बड़ी सेना आखिर कहां चली गई. इसके महाबली अंगद और नल-नील कहां चले गए. इसका व्यापक स्तर पर जिक्र नहीं मिलता है.
किष्किन्धा
रामायण के उत्तर कांड के अनुसार, युद्ध के बाद जब सुग्रीव भगवान राम के साथ वापस अयोध्या लौटे तो वानर सेना भी साथ थीं. जब सुग्रीव को किष्किन्धा का राजा बनाया गया और अंगद को युवराज तो वानर सेना भी वापस लौट गई.
सुग्रीव और अंगद
सुग्रीव और अंगद ने मिलकर किष्किन्धा पर वर्षों तक राज किया और अपना राज्य आगे बढ़ाया.
श्रीराम-रावण युद्ध
श्रीराम-रावण युद्ध में योगदान देने वाली वानर सेना सुग्रीव के साथ ही वर्षों तक रही. हालांकि, फिर इसने किसी भी बड़े युद्ध में हिस्सा नहीं लिया.
नल-नील
वहीं, नल-नील को किष्किन्धा राज्य में मंत्री बनाया गया. नल और नील को विश्वकर्मा जी का पुत्र बताया जाता है. इन दोनों की मदद से ही वानरों ने रामसेतु का निर्माण किया था.
झुंड में वानर सेना
वानर सेना में कई झुंड थे. हर झुंड का एक सेनापति था. इसमें किष्किंधा ,कोल ,भील ,रीछ और वनों में रहने वाले वासियों को शामिल किया गया था.