पूर्णागिरी मंदिर

चार देशों की सीमा पर है यह मंदिर, 480 सीढ़ियां चढ़कर आते हैं श्रद्धालु

Sumit Rai
Apr 24, 2023

चार देशों की सीमा

पूर्णागिरी मंदिर चार देशों की सीमा पर है. यह मंदिर चीन, तिब्बत और नेपाल की सीमा से लगे भारतीय गांव में है. यह मंदिर अपनी अनसुनी और रहस्यमयी कहानियों के लिए प्रसिद्ध है.

3000 मीटर की ऊंचाई

पूर्णागिरी मंदिर उत्तराखंड के टनकपुर से लगभग 17 किमी दूर है और समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु 480 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचते हैं. इस मंदिर को 108 सिद्ध पीठों में से एक है.

पौराणिक कथा

माना जाता है कि सती माता की नाभि इसी स्थान पर गिरी थी और पूर्णागिरी को पुण्यगिरि के नाम से भी जाना जाता है.

चमत्कारों के लिए खास

पूर्णागिरी मंदिर अपने चमत्कारों के लिए भी जाना जाता है. हर साल हजारों भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. चैत्र नवरात्रि में यहां एक बड़े त्योहार का आयोजन होता है और एक मेले का भी आयोजन किया जाता है.

1632 में बना है मंदिर

कहा जाता है कि साल 1632 में गुजरात के चंद्र तिवारी नाम के एक व्यापारी ने चंपावत के राजा ज्ञानचंद के साथ शरण ली थी. इस दौरान उनके सपनों में मां पुण्यगिरि दिखाई दीं और एक मंदिर का निर्माण करने के लिए कहा. व्यापारी ने मां पूर्णागिरी से पुत्र प्राप्ति पर सोने की वेदी बनवाने का वादा किया.

झूठे का मंदिर

हालांकि, बेटा होने के बाद व्यापारी ने सोने की जगह तांबे की एक वेदी बनवा दी. कहा जाता है कि मंदिर को ले जाते समय मजदूरों ने मंदिर बीच में रख दिया और फिर उठा नहीं सके. इसके बाद व्यापारी ने माफी मांगी और सोने की वेदी के साथ मंदिर बनवाया.

तीन चोटियों से घिरा मंदिर

पूर्णागिरी मंदिर मल्लिकागिरी, कालिकागिरी और हमला चोटियों से घिरा है. यह मंदिर उत्तराखंड के चंपावत के अंतिम छोर पर अन्नपूर्णा चोटी के शिखर पर स्थित है.

पूर्णागिरी मंदिर कैसे पहुंचे

पूर्णागिरी मंदिर का निकटमत रेलवे स्टेशन टनकपुर है, जो 18 किलोमीटर दूर है. टनकपुर से थुलीगढ़ तक गाड़ी लेकर जा सकते हैं. इसके बाद 2 किलोमीटर पैदल चलना होगा.

अन्य टूरिस्ट प्लेस

पूर्णादेवी मंदिर के बाद अन्य कई टूरिस्ट प्लेसेस हैं. पूर्णागिरी मंदिर के लिए निकलते समय भक्त भैरों बाबा के दर्शन भी जरूर करते हैं. इसके अलावा यहां आने के बाद अवलाखान या हनुमान चट्टी और टनकपुर शहर घूम सकते हैं. यहां आने के बाद नेपाल के कुछ गांव भी घूम सकते हैं. पर्यटकों के बीच बुराम देव मंडी भी काफी लोकप्रिय है.

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