जानें क्या है हिंदू धर्म में 8 प्रकार के विवाह का रहस्य, किस शादी का समर्थन करते थे पितामह भीष्म?
Zee News Desk
Dec 08, 2024
ब्रह्म विवाह
इसमें कन्या की शादी योग्य और विद्वान व्यक्ति से होती है.
दैव विवाह
इसमें लड़की को यज्ञ में सहायता के लिए पुरोहित को दान के रुप में दिया जाता था.
आर्ष विवाह
इस विवाह में लड़की पक्ष को कुछ उपहार सम्मान के रुप में दिया जाता था.
प्रजापत्य विवाह
यह विवाह दोनों पक्ष के माता-पिता की अनुमति के बाद होता था बिना किसी लेन-देन के.
प्रेम विवाह
यह पूरी तरह से लड़का और लड़की की आपसी सहमति के बाद ही होता था और सिर्फ प्रेम पर आधारित होता था.
असुर विवाह
इसमें कन्या को कुछ धन देकर या जबरन खरीदा जाता था.
राक्षस विवाह
इस शादी में दुल्हन को बलपूर्वक उठाकर ले जाता था जो आमतौर पर युद्ध के बाद होता था.
पिशाच विवाह
यह सबसे विवादित विवाह था क्योंकि इसमें लड़का या लड़की से धोखे से शादी की जाती थी.
पितामह भीष्म ब्रह्म विवाह को सबसे श्रेष्ठ मानते थे और इसका समर्थन करते थे क्योंकि यह ऋषि-मुनियों द्वारा किया जाता था.
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