महाकुंभ महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक है. साल 2025 में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होगा.

Dipesh Thakur
Dec 08, 2024

12 वर्षों में एक बार लगने वाला महाकुंभ इस बार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगेगा जो कि 30-45 दिनों तक चलेगा.

आमतौर पर महाकुंभ के दौरान कल्पवास की परंपरा भी है. आइए जानते हैं इस बारे में.

सनातन धर्म में कुंभ मेले का विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व है. महाकुंभ के दौरान भक्त कठोर अनुशासन का पालन करते हैं.

पौराणिक मान्यता है कि माघ मेले में 3 बार स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है.

कल्पवास के दौरान सत्य बोलना चाहिए. इस दौरान झूठ बोलने से सारा पुण्य कर्म नष्ट हो जाता है.

कल्पवास की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. कुछ परिवारों में आज भी इस परंपरा का निर्वाह हो रहा है.

कल्पवास के दौरान साधक को ब्रह्मचर्य का कठोरता से पालन करना चाहिए.

कल्पवास के दौरान रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए और पितरों के निमित्त पिंडदान करना चाहिए.

कल्पवास के दौरान किसी की भी निंदा करने से बचना चाहिए. इस दौरान अनुशासन में रहने से मन और आत्मा शुद्ध होती है.

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