कौन थे फ्रांज काफ्का ? जिनको मरने के बाद मिली शोहरत
Zee News Desk
Dec 09, 2024
अगर आप साहित्य के पढ़ना पसंद करते हैं तो आपने फ्रांज काफ्का का नाम जरूर सुना होगा.
फ्रांज काफ्का अपने पूरा जीवन गुमनामी में बिता दिया. लेकिन कहते हैं न अगर आपने मेहनत की है तो आपको उसका फल आज नहीं तो कल जरूर मिलेगा.
इसी तरह फ्रांज काफ्का के साथ हुआ जिनको मरने के बाद दुनिया भर में शोहरत मिली. 1891 में प्राग में जन्में काफ्का एक जर्मन यहूदी लेखक थे.
काफ्का की लेखनी के आज दुनिया भर में प्रशंसक हैं. इनकी किताबों को भारत सहित दुनिया भर में पढ़ा जाता है.
फ्रांज काफ्का को जीते जी वो सम्मान व प्यार नहीं मिला जिसके वह हकदार थे.
काफ्का पिता उन्हें एक व्यवसायी बनाना चाहते थे. जिसमें उनका मन नहीं लगता था जिसके कारण उनके पिता से उनके संबंध अच्छे नहीं थे.
अपनी जिंदगी, बीमारी से परेशान फ्रांज काफ्का की मृत्यु मात्र 40 साल में हो गई.
उनकी मौत के बाद उनके कुछ उपन्यासों को उनके दोस्त ने पब्लिश कराया जिसे काफ्का ने जलाने का आदेश दिया था. द मेटामोर्फोसिस, द ट्रायल इनकी सबसे चर्चित रचनाओं में से एक हैं.
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