टैटू पर टैक्स

कुछ अमेरिकी स्टेट्स में अगर कोई टैटू, बॉडी पियर्सिंग या इलेक्ट्रोलीसिस ट्रीटमेंट करवाता है तो उसे स्टेट को सेल्स टैक्स के तहत 6% टैक्स देना होता है.

ब्रेस्ट टैक्स

केरल के त्रावणकोर में निम्न जाति की महिलाओं को कमर से ऊपर बदन को कपड़े से ढकने के लिए उन्हें ब्रेस्ट टैक्स (ब्रेस्ट टैक्स (Breast tax) देना होता था.

बैचलर टैक्स

इंग्लैंड में 1695 में तो दुनिया के कुछ हिस्सों में ये बैचलर TAX 1702 में लागू हुआ था. मुसोलिनी ने 1924 में 21 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की आयु के बीच अविवाहित पुरुषों पर बैचलर टैक्स लगाया था.

ताश के पत्ते खरीदने पर टैक्स

अमेरिका के अलबामा में लोगों को ताश के पत्ते खरीदने या बेचने के लिए भी टैक्स देना पड़ता था. खरीदने वाले को 10 फीसदी प्रति 'ताश की गड्डी', जबकि बेचने वाले को भी सालाना लाइसेंस फीस चुकानी पड़ती थी.

फैट टैक्स

खाने में फैट की मात्रा के हिसाब से टैक्स! डेनमार्क और हंगरी जैसे देशों ने चीज, बटर और पेस्ट्री जैसे हाई कैलरीज फूड पर फैट TAX लगाया है. इसके दायरे में वे चीजें आती हैं, जिनमें 2.3 परसेंट से ज्यादा सेचुरेटेड फैट होता है. इस टैक्स का मकसद लोगों को ओबेसिटी और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं से बचाना है.

देह व्यापार पर टैक्स

भले ही देह व्यापार जर्मनी में लीगल है, लेकिन इसके लिए यहां देह व्यापार जैसे कानून बनाए गए हैं. 2004 में आए इस टैक्स कानून के तहत हर प्रॉस्टिट्यूट को शहर को 150 यूरो हर महीने देने पड़ते हैं. पार्ट टाइमर को अपने हर दिन के काम के लिए 6 यूरो चुकाने पड़ते हैं.

पंपकिन टैक्स

अमेरिका (USA) के न्यू जर्सी (New Jersey) में लोगों को कद्दू खरीदने पर सरकार को टैक्स देना पड़ता है. खासकर पिछले साल यानी 2022 की बात करें तो ‘pumpkin spice tax’ बड़ी सुर्खियों में रहा था.

आइस टैक्स

अमेरिका के एरिजोना में बर्फ का टुकड़ा (आइस ब्लॉक) खरीदने पर भी लोगों को टैक्स देना पड़ता है. हालांकि अगर लोग आइस क्यूब खरीदें तो उसके लिए कोई टैक्स नहीं है.

पेट टैक्स

दुनिया के अलग अलग हिस्सों में पालतू जानवरों के मालिकों पर टैक्स लगाया जाता है. कुत्ते, बिल्ली, भेड़ और सुअर जैसे जानवरों के लिए अलग अलग टैक्स लिया जाता है.

टॉयलेट फ्लश करने पर टैक्स

क्या आपने कभी ये बात सोचा भी होगा कि आपको टॉयलेट में फ्लश करने के लिए भी टैक्स चुकाना पड़ सकता है? अमेरिका के मैरीलैंड में कुछ ऐसा ही होता है. यहां की सरकार टॉयलेट फ्लश के उपयोग पर लोगों से प्रति महीने करीब 355 रुपये टैक्स वसूलती है.

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