Bra पहनने की शुरुआत भारत में कैसे हुई? काफी रोचक है इतिहास
समय के साथ ही महिलाओं के कपड़ों में लगातार बदलाव हो रहा है, लेकिन ब्रा एक ऐसा वस्त्र है जिसको लेकर लोग आज भी सार्वजनिक तौर पर बात करने से कतराते हैं.
महिलाओं के ब्रा पहनने की वजह पर कई तरह के तर्ज दिए जाते हैं और कहा जाता है कि इससे बॉडी शेप सही रहता है. इसके साथ ही ये भी तर्क है कि महिलाएं सुंदर दिखती हैं.
इसके साथ ही कई बार ब्रा का विरोध भी होता रहा है और इसे ना पहनने की सलाह भी दी जाती है. माना जाता है कि ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ता है. कई महिला संगठन भी ब्रा पहनने का विरोध करते आए हैं.
ब्रा पहनने की शुरुआत को लेकर अब तक सही तारीख की जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि इसकी शुरुआत सबसे पहले मिस्र से हुई थी. कई जगह इस बात का भी दावा किया जाता है कि ब्रा का आविष्कार फ्रांस में हुआ था.
कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि प्राचीन मिस्र में महिलाएं चमड़े से बनी ब्रा पहनती थीं, लेकिन इस वजह से उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था.
भारत में ब्रा को लेकर इतिहास काफी पुराना है और कहा जाता है कि ईसा पश्चात पहली शताब्दी में विजयनगर शासक हर्षवर्धन के राज में महिलाएं कंचुकी पहनती थीं. इसके अलावा साल 1237 में बसावपुरान में कंचुकी के प्रमाण मिले हैं. माना जाता है कि कंचुकी का ही रूप ब्रा है.
ब्रा का जिक्र मुगल काल में भी मिलता है और उस समय महिलाओं में इस तरह की वस्त्रों का चलन खूब था. हालांकि, इसको लेकर कोई प्रमाण नहीं है.
प्राचीन काल से लेकर अब तक ब्रा ने लंबा सफर तय किया है और इसके नाम के अलावा कई बाद रूप में बदलाव हआ है.
मॉर्डन ब्रा की शुरुआत साल 1889 में हुई थी और रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी शुरुआत फ्रांस की रहने वाली हरमिनी काडोले ने की थी.