गायत्री देवी दुनिया की सबसे सुंदर 10 महिलाओं में से एक चुनी गई थीं.
वह 12 साल की उम्र में चीते का शिकार कर चुकी थी.
16 साल की उम्र में वह एक बड़े जयपुर की राजघराने की महारानी बन गई थी.
उन्होंने दो-दो प्रधानमंत्रियों से पंगा लिया और पांच महीने जेल में बिताए.
मोहनलाल सुखाड़िया CM थे तब वह समझ रहे थे कि कांग्रेस की हालत खराब और महारानी गायत्री देवी ही उबार सकती हैं.
CM सुखाड़िया ने गायत्री देवी से कांग्रेस में शामिल होने और जयपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की थी अपील.
जयपुर राजघराने की गायत्री देवी तीन बार जयपुर से सांसद भी रह चुकीं है.
लेकिन गायत्री देवी ने याद दिलाया कि तरह कांग्रेस ने 1956 में महाराजा सवाई मानसिंह को राजप्रमुख पद से हटाकर उनका अपमान किया था.
हटाए जाने से दो साल पहले जयपुर रियासत के प्रधानमंत्री हीरालाल शास्त्री ने कहा था कि राजप्रमुख क्या है? दस्तखत करने की मशीन ही तो है.
जो की महारानी गायत्री देवी को घायल कर चुका था.
वह प्रण ले चुकी थीं कि कांग्रेस के खिलाफ देशभर में राजगोपालाचारी की पार्टी स्वतंत्र पार्टी के ज़रिए बेदार करना है.