लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने अब तक 6 बार 300 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीती हैं.
कांग्रेस पार्टी ने साल 1952 में 364, 1957 में 371, 1962 में 361, 1971 में 368, 1980 में 353 और 1984 में 414 सीटें जीती थीं.
पहले लोकसभा चुनाव में 489 सीटों के लिए चुनाव हुए थे लेकिन 1957 में सीटों की संख्या 494 हो गई थी. 1957 के कांग्रेस पार्टी ने कुल 490 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से उसे 371 सीटों पर जीत हासिल हुई.
1962 का लोकसभा चुनाव आते-आते कांग्रेस की छवि धीरे-धीरे मैली होने लगी थी. घोटालों के दाग गहरे होते गए थे. इसके बावजूद कांग्रेस ने कुल 488 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और 361 सीटों पर उसे जीत हासिल हुई.
1971 और 1980 में कांग्रेस पार्टी ने तीन सौ का आंकड़ा पार किया. इंद्रा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर में कांग्रेस ने इतिहास के सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए थे.
1984 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 414 सीटें जीतकर इतिहास रचा था. यह लॉकसभा चुनाव के इतिहास की सबसे बड़ी जीत थी.
इसके बाद कांग्रेस पार्टी में पतन का दौर शुरू हुआ. 2004 तक स्थिति और खराब हुई. 2004 में 14वें लोकसभा चुनावों में BJP का 'इंडिया शाइनिंग' का नारा फेल हुआ तो कांग्रेस सत्ता में लौटी. उसे 145 और BJP को 138 सीट, CPM- 43, BSP-19 और NCP-9 जीती. कांग्रेस ने BSP, SP और LEFT के सहयोग से सरकार बनाई. मनमोहन सिंह PM बने थे.
2009 के 15वें आम चुनाव में कांग्रेस ने 206 सीटें जीतीं और BJP के खाते में सिर्फ 116 सीट आईं. कांग्रेस ने UP में 21 सीट जीतीं जबकि BJP के खाते में UP से सिर्फ 10 सीट आई थीं.
2014 और 2019 में कांग्रेस की गति और खराब हो गई. 2014 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस को 44 सीट मिली. AIADMK 37 सीट लेकर दूसरे और TMC 34 सीट लेकर नंबर तीसरे नंबर पर आई. 2019 में मोदी के नेतृत्व में BJP, 300 सीटों को पार करते हुए दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटी.