उत्तराखंड के पौराणिक धार्मिक स्थलों को एक्सप्लोर करने और यहां के पर्यटक स्थलों तक टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए एक स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन चलाई जा रही है.
इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग औऱ IRCTC के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. एमओयू के तहत मानसखंड के पर्यटन और देश के अन्य शहरों-स्थानों पर प्रचार-प्रसार के लिए विशेष पर्यटक ट्रेन मानसखंड एक्सप्रेस का संचालन किया जाएगा.
यह ट्रेन 22 अप्रैल 2024 से इस स्पेशल ट्रेन का संचालन किया जाना है.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मौजूदगी में पर्यटन विभाग और आईआरसीटीसी के बीच देश के विभिन्न क्षेत्रों से राज्य के अल्पज्ञात गंतव्यों के लिए एक स्पेशल पर्यटक ट्रेन प्रारंभ करने के लिए अनुबंध किया गया था.
इस अनुबंध पर पर्यटन विभाग की ओर से डॉ. हरीश रैड़तोलिया, और आईआरसीटीसी की ओर से सुनील कुमार, समूह महाप्रबन्धक ने साइन किए.
इस दौरान सतपाल महाराज ने कहा कि मानसखंड एक्सप्रेस ट्रेन प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने एक नई पहल की गई है.
मानसखण्ड स्थित विभिन्न मंदिरों के भ्रमण को पहली ट्रेन 22 अप्रैल, 2024 में कोलकाता से चलाई जाएग. उसके बाद अन्य शहरों के लिए भी तैयारी की जा रही है.
मानसखण्ड एक्सप्रेस ट्रेन के संचालन के लिए हुए करार के अनुसार उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद का खर्च सलाना पांच करोड़ के लगभग होगा.
पूर्णागिरी, हाट कालिका, पाताल भुवनेश्वर, मायावती आश्रम, बालेश्वर, जागेश्वर, गोलू देवता-चितई, नंदा देवी, कसार देवी, कटारमल अल्मोड़ा, नानकमत्ता गुरुद्वारा खटीमा और नैना देवी नैनीताल ऐसे सम्भावित स्थल हैं, जहां मानसखण्ड एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों को दर्शान कराए जाएंगे।
मानसखण्ड एक्सप्रेस ट्रेन में पांच सौ यात्री एक साथ सफर कर सकेंगे. ट्रेन के सभी यात्री डिब्बे सेकेंड एसी हैं. ट्रेन में यात्रा के दौरान भोजन की भी व्यवस्था होग.
यात्रा के दौरान यात्रियों को उत्तराखण्ड के व्यंजन भी परोसे जाएंगे. यात्रा के दौरान होटल व्यवस्था, बसों द्वारा भ्रमण, गाइड आदि को टूअर पैकेज के रूप में भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (IRCTC) रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
इस ट्रेन को उत्तराखंड से जुड़े विभिन्न गंतव्यों, उत्तराखंडी व्यंजन, त्योहार आदि को चित्रों द्वारा सुसज्जित किया जायेगा, जिससे देश के विभिन्न शहरों से गुजरने पर इन गंतव्यों के बारे में आम जनमानस को जानकारी भी प्राप्त हो सके.