वाराणसी में एक ऐसा चर्च है जो हर किसी को हैरान करता है. हम सेंट मैरी कैथेड्रेल चर्च की बात कर रहे हैं जिसकी दीवारों पर गीता के श्लोक लिखे गए हैं.
यह अनोखा सेंट मैरी कैथेड्रेल चर्च जिले के कैंटोनमेंट इलाके में हैं जो काफी प्रसिद्ध है.
सेंट मैरी कैथेड्रेल चर्च की दीवारों पर विशेष संदेश लिखे हैं. साथ ही दीवारों पर ॐ (ओम), कलश, आम के पत्ते, लताओं व ईशा मसीह का संदेश भी लिखे गए हैं.
बाइबिल के संदेश का चर्च में होना आम है लेकिन यहां गीता के श्लोक भी संस्कृत में लिखा है. ये श्लोक है- सेवाधर्मः परमगहनो योगिनामप्यगम्य: जो पीतल के धातु से बने अक्षरों से लिखा है.
इस चर्च को आर्किटेक्ट पंडित कृष्ण मेनन के साथ रचनात्मकता के लिए पहचाने जाने वाले आर्टिस्ट ज्योति शाही ने इस चर्च को निर्मित किया.
इस अजूबे चर्च को बनाने के पीछे लक्ष्य ये था कि यह चर्च भी लगे व मंदिर भी लगे. भरतीय संस्कृति से इस चर्च जोड़ा जा सके.
चर्च की बनावट की बात करें तो इसका निचला भाग अष्टकमल के फूल की तरह बनाया गया है और यह भारतीय वास्तुकला के अष्टकोणीय आकृति पर बनाया गया है.
संस्कृत के श्लोक और उर्दू के अल्फाज के साथ ही चर्च की दिवार पर हिंदी के वचन भी उकेरे गए हैं.
सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च भारतीय वास्तु शास्त्र मंडला कांसेप्ट पर आधारित है जहां का वातावरण शांत है और हरियाली ही हरियाली है.
चर्च हमेशा तय समय पर खोला जाता है और रविवार को विशेष से इसे सजाया जाता है. 25 दिसंबर यानी क्रिसमस डे पर यहां भीड़ उमड़ती है.