लक्ष्मण झूला से करीब 6 किलोमीटर दूर पटना गांव के पास स्थित यह झरना प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत नजारा पेश करता है. भीड़भाड़ से दूर, यह जगह शांति और सुकून की तलाश करने वालों के लिए आदर्श स्थान है.
नीरगढ़ झरने के पास स्थित यह पॉइंट ऋषिकेश के खूबसूरत सूर्यास्त का गवाह बनने के लिए जाना जाता है. ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस स्थान से सूर्यास्त का नजारा बेहद खूबसूरत लगता है.
गंगा नदी के किनारे स्थित यह ऐतिहासिक आश्रम चौरासी कुटिया के नाम से भी जाना जाता है. महर्षि महेश योगी द्वारा स्थापित यह स्थान ध्यान और योग के लिए मशहूर है, और पर्यटकों को मानसिक शांति का अनुभव कराता है.
एडवेंचर के शौकीनों के लिए ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का अनुभव बेहद खास है. गंगा की तेज धारा पर राफ्टिंग करना रोमांचक और यादगार अनुभव प्रदान करता है.
गंगा नदी पर बने इस ऐतिहासिक झूले की उम्र करीब 89 साल है. शाम के समय यहां का वातावरण बेहद आकर्षक होता है और इसे घूमने आए पर्यटकों के लिए यह एक मुख्य आकर्षण है.
त्रिवेणी घाट पर रोजाना शाम 6 से 7 बजे के बीच होने वाली गंगा आरती का अनुभव दिव्यता और आध्यात्मिकता से भरपूर है. इस महा आरती को देखने हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं.
शिवानंद और स्वर्ग आश्रम को जोड़ने वाला यह पुल गंगा नदी के ऊपर बना है. इसे 'शिवानंद झूला' भी कहा जाता है. यहां से ऋषिकेश का शानदार दृश्य देखने को मिलता है.
कुंजापुरी ट्रेक से सूर्योदय का मनोरम नजारा बेहद लुभावना होता है. यहां से हिमालय, गंगा और दून घाटी का अद्भुत दृश्य आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देता है.
गंगा के किनारे स्थित यह गुफा ऋषियों की ध्यानस्थली रही है. सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर 3 बजे से शाम 6 बजे तक खुलने वाली यह जगह शांति और आध्यात्मिकता का अनोखा अनुभव देती है.
यह अनोखा मंदिर बिना सीमेंट के निर्माण का उदाहरण है. इसे भूतों द्वारा रातोंरात बनाए जाने की कहानी इसे रहस्यमयी और आकर्षक बनाती है, और यह हर पर्यटक के लिए एक खास अनुभव है.
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