मुख्तार अंसारी को महंगी गाड़ियों का शौक था. बदलते दौर के साथ मुख्तार के मारुति जिप्सी के अलावा टाटा सफारी, ऑडी, BMW,फोर्ड एंडेवर, पजेरो स्पोर्ट, जैसी गाड़ियों का कलेक्शन खूब रहा. कॉलेज के दिनों में दोस्तों के बीच लंबू के नाम से मशहूर था माफिया मुख्तार.
मुख्तार अंसारी के पास बड़ा कार कलेक्शन था. उसके परिवार के पास भी ऑडी, मर्सडीज जैसी गाड़ियां थीं.
मुख्तार की बेगम अफशां के पास ऑडी, मर्सडीज और BMW जैसी कारें थीं.बेटे अब्बास और उमर के काफिले में टोयोटा फॉर्च्यूनर, फोर्ड एंडेवर और BMW जैसी कारें थीं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्तार के काफिले में चलने वाली सभी गड़ियों का नंबर 786 ही होता था.
माफिया अंसारी 786 नंबर को लकी मानता था. रिपोर्ट के मुताबिक, ये नंबर मुसलमानों के लिए पवित्र नंबर है.
मुख्तार के काफिले में एक सफेद खुली जिप्सी और 5 से 6 एक रंग की टाटा टाटा सफारी और सभी पर 786 का नंबर प्लेट रहती थी.
जेल में बंद मुख्तार की चाहत थी कि जब वो छूट कर बाहर आएगा तो उसके काफिले में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बिकने वाली एस यू वी "हमर" भी शामिल हो, लेकिन ये शौक अभी तक पूरा ना हो सका
मुख्तार दोस्तों के साथ बुलेट और जीप की सवारी करते हुए मोहमदाबाद और गाजीपुर की सड़कों पर अक्सर दिखता था.
बहुत कम लोगों को पता होगा कि माफिया डॉन बनने से पहले कॉलेज के दिनों में मुख्तार क्रिकेट का बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ-साथ बढ़िया निशानेबाज भी था.
उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को जेल में हार्ट अटैक आने की वजह से मौत हो गई.