गुप्त गोदावरी

पहाड़ी भर बसे इस तीर्थ क्षेत्र का नज़ारा बहुत ही आकर्षक और मन को लुभाने वाला है. चित्रकूट से 13, किमी दूरी पर स्थापित गुप्त गोदावरी अपनी गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है. यहां आपको प्राकृतिक की असली झलक देखने मिलेगी.

पानी की लहरें

गुफाओं के साथ बहती हुई पानी की लहरें आपको स्वर्ग जैसा महसूस कराएगी. पौराणिक कथा के हिसाब से भगवान राम अपना राज दरबार भी यहां लगाया करते थे.

हनुमान धारा

घूमने के साथ आप थोडा बहुत ट्रैकिंग भी करना चाहते हैं, तो आप यहां बसे हनुमान धारा भी जा सकते हैं, भगवान हनुमान के इस मंदिर में जाने के लिए 360 सीढ़ी चढ़नी पड़ती है. वहीं इसके इतिहास की बात करें तो ऐसा कहा जाता है कि त्रेता युग में हनुमान ने लंका जलाने के बाद नदी में आकर अपनी पूंछ की आग बुझाई थी.

भरत मिलाप मंदिर

यहां बसा भरत मिलाप मंदिर, क्षेत्र के सबसे पुराने और भव्य मंदिरों में से एक है, जहां श्री राम की वनवास के दौरान अपने अनुज भरत से पहली मुलाकात हुई थी, साथ ही मंदिर में आपको दशरथ नंदन राम के पैरों के निशान देखने को भी मिल जायेंगे.

कामदगिरि पर्वत

चित्रकूट में अति-लोक लोकप्रिय स्थान कामदगिरि पर्वत है. प्राचीन कथाओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने चित्रकूट के इस पावन स्थान पर 108 अग्नि कुंडों के साथ हवन किया था. इस स्थान पर राम ने भी कुछ समय व्यतीत किया था.

राम घाट

चित्र कूट में आप सबसे ज्यादा रौनक देखना चाहते हैं तो राम घाट आ सकते हैं . कलयुग में गोस्वामी तुलसीदास के भगवान राम के दर्शन का किस्सा सुनाया जाता है, वो भी इसी क्षेत्र से जुड़ा है . यहां पर रोजाना लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचते हैं, वहीं पौराणिक मान्यता के अनुसार वनवास के राम, लक्ष्मण और सीता इसी घाट पर स्नान करते थे.

कालिंजर किला

पुराने किले देखने और उसके बारे में जानने में भी दिलचस्पी रखते हैं तो यहां के कालिंजर किला भी आ सकते हैं. पुराने समय में यहां चंदेलों का राज था . इस किले को बहुत से महाराजाओं ने जीता चाहा, लेकिन वह सफल न हो सके. यहां पर आपको कुछ किले खंडहर के रुप में भी देखने को मिल जायेंगे, किले से बहते हुए झरने के दृश्य को देखकर आपका मन बिल्कुल भी यहां से वापिस लौटने का नहीं करेगा.

शबरी फाल्स

चित्रकूट में शबरी फाल्स मारकुंडी गांव से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर घूमने वाली सबसे अच्छी जगह है. जमुनीहाई गांव के पास मंदाकनी नदी के उद्गम स्थान पर एक खूबसूरत झरना हैं. यहां कुछ पस ठहर कर अच्छा महसूस कर सकते हैं.

घूमने का आनन्द

मंदाकिनी के किनारे बसे इस क्षेत्र में आप वैसे तो कभी भी जा सकते हैं, लेकिन बरसातों के मौसम को छोड़कर आप कभी भी जायेंगें तो ज़्यादा अच्छे से इस पर्वत को घूमने का आनन्द उठा सकेंगे.

सीता माता की रसोई

चित्रकूट के इसी धाम में आज भी सीता माता की रसोई है. यहां वह खाना बनाकर महर्षि ऋषियों को खिलाया करती थी.

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