उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बसा हस्तिनापुर शहर का नज़ारा बेहद ही खूबसूरत है. जब आप भी इसके बारे में सुनेंगे तो खुद को यहां आने से रोक नहीं पाएंगे.
गंगा के छोर पर बसे इस शहर में रेल के द्वारा मेरठ जंक्शन पर उतरकर बस के द्वारा हस्तिनापुर या खुद के साधन से आसनी से यहां पहुंच सकते है
ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर का निर्माण भारतवंश के राजा हस्तिन ने द्वापर काल में करवाया था. जो आगे चलकर पांडव की राजधानी बना
दिल्ली से कुछ दूरी पर बसे इस शहर के अंदर आपको महाभारत समय स्थल जैसे कि पांडेश्वर मन्दिर, कर्ण मन्दिर, विदुर का टीला, द्रौपदी घाट जैसे स्थल देखने को मिलेंगे जो आपको अतीत के पन्नों में ले जायेंगे.
गंगा के किनारे से यह नगर आपको थोड़ा झुका हुआ नजर आएगा. इसके लिए कहा जाता है कि प्राचीन काल में दुर्योधन के युद्ध में पराजित होने के बाद कृष्ण के बड़े भाई बलराम भीम पर क्रोधित हो गए थे. और उन्होंने गुस्से में आकर हस्तिनापुर को अपने हल की नोंक पर उठा लिया था. जिसके बाद से ही यह क्षेत्र थोडा सा झुक गया था.
वर्तमान में यहां पर आपको जैन धर्म के भव्य और विशाल मंदिर देखने को मिलेंगे. यहां के आकर्षक मंदिर भी इस स्थल को देखने का प्रमुख कारण है.
नगर में बने एक जैन मंदिर में चित्रों के माध्यम से द्रौपदी और पांडवों का आख़िरी समय जैन धर्म अपनाने का दावा भी किया जाता है. यदि आप इतिहास को जानने में भी रुचि रखते हैं तब भी आप यहां घूमने आ सकते हैं .
यहां बने जम्बूद्वीप और सुमेरू पर्वत मंदिर को देखकर आपका दिल बिल्कुल जाने का नही करेगा. कई एकड़ में फैला सफ़ेद पत्थर का बना जम्बूदीप मंदिर का नजारा बेहद ही सुंदर है इसकी सुंदरता में रात के समय चार चांद भी लग जाते हैं.
जैन धर्म की तरह सिक्ख धर्म से भी इस जगह का इतिहास जुड़ा हुआ है. धर्म के दसवें गुरु गुरू गोविंद सिंह के धर्म की रक्षा के लिए बनाए गए पांच प्यारों में से एक धर्म सिंह की जन्म स्थली भी यहीं पर है.वर्तमान में उनकी याद में यहां पर एक गुरुद्वारे का निर्माण भी किया गया है .