महाभारत युद्ध कुरुक्षेत्र में ही क्यों लड़ा गया?

Sneha Aggarwal
May 28, 2024

कुरुक्षेत्र

महाभारत के समय कुरुक्षेत्र को बहुत सारे नामों से जाना जाता था जैसे स्थानेश्वर, ब्रह्मवर्त, थानेसर नामों से भी जाना जाता है.

नाम

महाभारत में कुरु को पांडवों, कौरवों का वंशज और पांडु का पूर्वज बताया गया है. इसी पर कुरुक्षेत्र का नाम पड़ा.

कुरुक्षेत्र ही क्यों चुना?

ऐसे में कई लोगों में मन में सवाल आता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के लिए कुरुक्षेत्र ही क्यों चुना?

युद्ध

पौराणिक कहानी के मुताबिक, जब पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध की घोषणा हुई.

जगह की खोज

इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अपने कई दूतों को कई स्थानों पर भेजा और महाभारत के युद्ध के लिए जगह ढूंढ़ने के लिए कहा.

भीषण और रक्तरंजित युद्ध

भगवान श्रीकृष्ण को पता था कि महाभारत का युद्ध बहुत ही भीषण और रक्तरंजित होने वाला है. इसके लिए ऐसी भूमि चाहिए होगी, जो युद्ध की क्रूरता को सह सके.

एक दूत परेशान

ऐसे में दूतों ने भगवान श्रीकृष्ण को कई स्थानों के बारे में बताया लेकिन इनमें से एक दूत जब आया, तो वह बहुत परेशान दिखा.

कुरुक्षेत्र में घटी घटना

भगवान श्रीकृष्ण को दूत ने कुरुक्षेत्र में घटी एक कहानी बताई, उसने कहा कि एक बार दो भाइयों के बीच खेत में मेड़ बनाने को लेकर लड़ाई हुई थी.

बड़े भाई ने छोटे भाई की हत्या

वहीं, धीरे-धीरे यह लड़ाई बढ़ती चली गई और दोनों के बीच मार पीट होने लगी. इस दौरान बड़े भाई ने छोटे भाई की हत्या कर दी और उसका शव मेड़ बनाने की जगह पर रख दिया और सिंचाई का पानी रोक लिया.

भाई-भाई में लड़ाई

ये सब सुनकर भगवान श्रीकृष्ण रोने लगे और उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर भाई-भाई के बीच इतनी लड़ाई हुई हो. वह स्थान युद्ध के लिए सही है.

मन द्रवित

क्योंकि यहां की भूमि इतनी कठोर है कि चाहकर भी किसी का मन द्रवित नहीं हो सकता. इसी वजह से श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि को युद्ध के लिए चुना था.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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