खाटू श्याम जी ने किससे से सीखी थी युद्ध कला

May 28, 2024

मंदिर

सीकर जिले की खाटू नगरी में बाबा श्याम का मंदिर है.

कई नाम

बाबा श्याम को कई नामों से जाना जाता है जैसे हारे का सहारा, शीश का दानी, खाटू नरेश आदि.

बर्बरीक

बर्बरीक उर्फ ​​खाटू श्यामजी भीम के पोते थे और घटोत्कच के पुत्र थे.

साहसी योद्धा

बचपन से ही बर्बरीक बहुत साहसी योद्धा था, जिन्होंने अपनी मां से युद्ध कला सीखी थी.

तीन अचूक बाण

बर्बरीक का कौशल देखकर भगवान शिव ने उन्हें तीन अचूक बाण दिए.

धनुष

इसके बाद अग्नि के देवता, अग्नि ने उन्हें वह धनुष दिया, जो उन्हें तीनों लोकों में विजयी बना देगा.

युद्ध में हिस्सा

वहीं, जब बर्बरीक को पांडवों और कौरवों के बीच भयंकर युद्ध के बारे में पता चला, तो उन्होंने युद्ध में हिस्सा लेने की इच्छा जताई.

वचन

इसको लेकर बर्बरीक ने अपनी मां को वचन दिया कि वह उस पक्ष का साथ देंगे जो हार रहा होगा.

तीन बाण

वहीं, बर्बरीक ने मां के पैर छूए और तीन बाण और धनुष से सुसज्जित अपने नीले घोड़े पर सवार होकर चल पड़े.

मां का नाम

बर्बरीक का मां का नाम मौरवी था, जो एक नागकन्या थी.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.

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