कुतुब मीनार से जुड़े रोचक और काले राज, एकबार जरूर पढ़ें

कुतुब मीनार खास इमारत

देश की राजधानी दिल्ली में वैसे तो कई इमारतें मौजूद हैं लेकिन सबसे खास और ऐतिहासिक कुतुब मीनार को देखने के लिए लोगों में अलग ही क्रेज बना रहता है.

इंडो इस्लामिक आर्किटेक्चर की इमारत

कुतुब मीनार एक इंडो इस्लामिक आर्किटेक्चर की इमारत है और यह बेहद खूबसूरत है. आज हम आपको इसके बारे में कुछ खास जानकारियां बताने जा रहे हैं.

इमारत 73 मीटर ऊंची

कुतुब मीनार की इमारत 73 मीटर ऊंची है और ऊपर तक चढ़ने के लिए 379 सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ता है.

2वीं शताब्दी में हुआ निर्माण

कुतुब मीनार का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था. इसे दिल्ली के तीन राजाओं के द्वारा चरणबद्ध तरीके से बनवाया गया था.

हो चुकी मरम्मत

बता दें कि कुतुब मीनार का ऊपरी हिस्सा एक बार बिजली गिरने की वजह से एक बार टूट गया था और बाद में इसकी मरम्मत करवाई गई थी.

27 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया

कई इतिहासकारों का कहना है कि कुतुब मीनार के इमारत के निर्माण के दौरान करीब 27 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया था.

लौह स्तंभ 2000 साल पुराना

कुतुब मीनार की इमारत परिसर में स्थित लौह स्तंभ 2000 साल से भी पुराना माना जाता है.

सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने देखा सपना

एक बार सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने भी कुतुब मीनार से ऊंची मीनार बनवाने का मन बनाया लेकिन इसका सपना पूरा नहीं हो पाया.

पूरी न बन पाई इमारत

अलाउद्दीन खिलजी ने शासनकाल के दौरान 'अला-ए-मीनार' नाम की इमारत बनवाई लेकिन उसकी मौत हो गई और यह पूरी न बन सकी.

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