राजस्थान का एक ऐसा गांव, जहां मां अपने आंचल में छिपाकर दूल्हे का इस तरह देती है आशीर्वाद

Sneha Aggarwal
Mar 13, 2024

बिजौलियां गांव

यह परंपरा कोटा के बिजौलियां गांव की है, जो राजे-रजवाड़ों ने जमाने चली आ रही है.

शादी से पहले

इस परंपरा में दूल्हे की मां बेटे को शादी से पहले सबके सामने स्तनपान करवाती है.

महत्व

इस परंपरा का काफी महत्व है. आज भी कई लोग इस रिवाज को पूरे तरीके से निभाते हैं.

पताशा

हालांकि अब इस रिवाज को निभाने के लिए अब दूल्हे को मां सांकेतिक पताशा खिलाती है.

प्रार्थना

इस रिवाज का निभाते हुए दूल्हे की मां अपनी और अपने बेटे की रक्षा के लिए मां शीतला से प्रार्थना करती है.

मान्यता

मान्यता के अनुसार, दूल्हे की मां शीतला माता से कहती है कि माता रानी मेने अपने बेटे को दूध पिलाकर और खून से सींचकर बड़ा किया है.

रक्षा

साथ ही कहती है कि आज मेरा बेटा शादी करने जा रहा है, आप इसकी हमेशा रक्षा करना.

शीतला सप्तमी

कोटा में शीतला माता मंदिर और बेदरी माता का मंदिर है. यहां शीतला सप्तमी पर विशेष पूजा की जाती है.

पुजारी

कोटा के इस गांव में 12 कुम्हार परिवार हैं और इस मंदिर के पुजारी भी कुम्हार ही हैं.

भोग

शीतला सप्तमी पर माता रानी को ठंडे भोजन, दही, चावल, पापड़ आदि का भोग लगता है.

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