दिलचस्प है आदिवासियों की गुड़ तोड़ परंपरा, इसलिए इसे मनाते हैं लोग

Gud Tod Parampara

देश भर में होली से पहले और होली खत्म होने के बाद कई तरह की परंपराएं मनाई जाती है. ऐसे ही होली की सप्तमी के दिन मध्य प्रदेश के आदिवासी गुड़तोड़ परंपरा को बहुत दिलचस्पी के साथ मनाते हैं. जानिए क्या है ये परंपरा.

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मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में आदिवासी भिलाला समाज द्वारा गुड़ तोड़ परंपरा का आयोजन किया गया. जिसे देखने के लिए काफी लोग इकट्ठे हुए.

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इस परंपरा के तहत एक खंभे पर सात पर गुड़ की पोटली को बांधा जाता है.

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इस पोटली को आदिवासी युवकों के द्वारा सात बार खंभे से उतारा जाता है.

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पोटली उतारते समय ये इन युवकों को महिलाओं के मार से बचना होता है.

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यह परंपरा करीब 150 सालों से चली आ रही है. इस परंपरा को मनाने का उद्देश्य सबका साथ है.

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ऐसा कहा जाता है कि अधिकतर मौर्य और मंडलोई परिवार के लोग ही पोटली को तोड़ते हैं.

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ऐसा कहा जाता है गड्ढा खोदकर 12 फीट का खंभा गाड़ दिया जाता है, खंभा गाड़ने के बाद उसकी आरती की जाती है.

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ये परंपरा मध्य प्रदेश के खरगोन, बुरहानपुर सहित कई जिलों में मनाई जाती है.

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