शिवनाथ 'नदी' की कहानी! प्यार में सती हो गई थी राजकुमारी

गढ़चिरौली में उद्गम

शिवनाथ गढ़चिरौली के गोडरी गांव से निकलकर छत्तीसगढ़ आती है.

महानदी की सहायक

छत्तीसगढ़ में शिवनाथ शिवरीनारायण (जांजगीर चांपा) के पास महानदी में मिल जाती है.

सहायक नदियां

लीलागर, मनियारी, आगर, हांप, खारून, अरपा, आमनेर, सकरी, खरखरा, तांदुला जमुनिया हैं.

बैराज परियोजना

शिवनाथ की कुल लम्बाई 290 किमी है. इसमें मोंगरा बैराज परियोजना बनी हुई है.

प्रेम का रूपांतरण

शिवनाथ नदी का बहना प्रेम का रूपांतरण माना जाता है. इसकी कहानी गढ़चिरौली के गोड़ राजा की बहन से जुड़ी है.

एकतरफा प्यार

राजा की बहन फुलवाशन को एक आदिवासी शिवनाथ से एकतरफा प्यार हो गया और वो शादी की ठान ली.

बांध में चुनवाया

महल की सुरक्षा के लिए एक स्वप्न देखने के बाद राजा ने शिवनाथ को बांध में चुनवा दिया.

बुढ़िया ने बताई कहानी

शिवनाथ को खोजने निकली राजकुमारी को एक बुढ़िया ने पूरी कहानी बताई.

साड़ी में उंगली फंसी

बांध से गुजरते हुए राजकुमारी की साड़ी में शिवनाथ की उंगली फंस जाती है जिससे वो अंगूठी से उसे पहचान लेते है.

राजकुमारी सती

उसे वक्त राजकुमारी उसे खींचती है और कहती है चल शिवनाथ..तभी जल धारा फूटती है और राजकुमारी सती हो जाती है.

बहाव में बहे

इसके बाद दोनों के शव पानी के उस बहाव में बह जाते है. तभी से इस नदी को शिवनाथ के नाम से जाना जाता है.

VIEW ALL

Read Next Story