नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से...पढ़ें राहत इंदौरी के चुनिंदा शेर

Ranjana Kahar
Jul 17, 2024

Rahat Indori Top Shayari

किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है, आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है.

नींद

नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से, ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं.

पांव का कांटा

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा.

आंख में पानी

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो.

फूलों की दुकान

फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो, इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो.

पानी

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो, ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो.

वबा फैली हुई है

मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं, वबा फैली हुई है हर तरफ, अभी माहौल मर जाने का नहीं, वो गर्दन नापता है नाप ले, मगर जालिम से डर जाने का नहीं.

बुलाती है मगर जाने का नहीं

बुलाती है मगर जाने का नहीं, बुलाती है मगर जाने का नहीं, ये दुनिया है इधर जाने का नहीं.

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